Saturday, June 6, 2020

लो बीमारी, दो बीमारी

लो बीमारी
दो बीमारी
है बस यही पहचान हमारी

अलग-थलग हैं
कटे-कटे से
कहने को जात इंसान हमारी

न आँखों में चमक
न होंठों पे हँसी है
दबी-छुपी है मुस्कान हमारी

कोई घूरे हमें
कोई नज़रें फेरे
जैसे हो सूरत हैवान हमारी 

न हम इसके
न ये हमारी
साँसें हैं मेहमान हमारी

राहुल उपाध्याय । 6 जून 2020 । सिएटल

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2 comments:

Onkar said...

बहुत खूब

शुभा said...

वाह!बहुत खूब!