Sunday, November 2, 2025

और क्या अहद-ए-वफ़ा होते हैं

और क्या अहद-ए-वफ़ा होते हैं 

लोग मिलते हैं, जुदा होते हैं 


हर कोई साथ है पानी की तरह 

टिकने वाले न जमा होते हैं 


हाथ उठते ही नहीं दुआ में मेरे 

हाथ इसलिए तो न अता होते हैं 


अब तलक प्यार है हमें उनसे 

बस इसलिए वो ख़फ़ा होते हैं 


मिलना-जुलना, हँसते-हँसाते रहना 

सारे रोगों की दवा होते हैं


राहुल उपाध्याय । 2 नवम्बर 2025 । सिएटल 

(पहली दो पंक्तियाँ आनन्द बक्षी द्वारा लिखे इस गीत से ली गईं हैं

https://youtu.be/SlRtQMkTkvQ?si=9-Q6Pgg2JImzw0he

)

अहद-ए-वफ़ा = वफ़ा की दुनिया 

अता = अनुदान 

इतवारी पहेली: 2025/11/02

इतवारी पहेली:


जो रहते हैं लैला-मजनू से #%# #%# में

प्यार के सिवा न कुछ उनके #%#%# में 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 9 नवम्बर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 2 नवम्बर 2025 । सिएटल 


Re: इतवारी पहेली: 2025/10/26



On Sun, Oct 26, 2025 at 2:48 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


मेरे दूर के चाचा बसे हैं मेरी ## में 

बना देते थे वो मैगी मिनट तीन # # में 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 2 नवम्बर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 26 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Thursday, October 30, 2025

तैंतीस करोड़

मेरा जन्म देवोत्थानी एकादशी को हुआ था 

और मुझे देवताओं में विश्वास नहीं है 

न ही व्रत-उपवास में


मेरे जन्मदिन के बाद ही 

शादी का मुहूर्त निकलता है 

और मैं शादीशुदा नहीं हूँ 


तैंतीस करोड़ देवताओं 

में से हर एक ने

अब तक

मुझे एक-एक रुपया दिया है 

जबकि मैंने एक पाई भी दान में नहीं दी है 


कुछ तो उलट-फेर है

न देर है, न अंधेर है

या फिर अंधेर ही अंधेर है 


राहुल उपाध्याय । 30 अक्टूबर 2025 । सिएटल 



Sunday, October 26, 2025

इतवारी पहेली: 2025/10/26

इतवारी पहेली:


मेरे दूर के चाचा बसे हैं मेरी ## में 

बना देते थे वो मैगी मिनट तीन # # में 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 2 नवम्बर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 26 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Re: इतवारी पहेली: 2025/10/19



On Sat, Oct 18, 2025 at 11:41 PM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


गर्मी से 'बेक' हुए गुरु के #### में 

जैसे कि हो रहा हो ## ### में


(दूसरी पंक्ति का दूसरा शब्द अंग्रेज़ी का है)


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 26 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 19 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Saturday, October 25, 2025

कोई रुलाता है

कोई रुलाता है तो आता है फ़ोन उसका 

वरना इस जहाँ में है कौन किसका 


अपनी-अपनी दुनिया है सबकी 

दे के मुस्कान हर कोई खिसका 


चलो किसी को अपना बना लें सोचते ही सारा ख़ुमार है पिचका


उठते-बैठते टूटे संबंध हज़ारों 

तोड़ ही देता है पीठ हल्का सा तिनका 


आँखों में कहाँ हैं अब प्यार किसी के 

वैक्सीन वालों को नहीं रोग का चस्का


राहुल उपाध्याय । 25 अक्टूबर 2025 । सिएटल