चाय में चीनी से लेकर शुभकामनाओं तक
नये साल की हुई तो एक साल की मिलती है
और जन्मदिन की?
बस एक दिन!
मात्र एक दिन!
फ़क़त एक दिन!
सिर्फ़ एक दिन!
और सब के सब
उसी 24 घंटे की अवधि में
लगे रहते हैं
ताबड़तोड़ 'विश' करने में
ताकि
गलती से भी
बंदे का
जन्मदिन के पहले वाला दिन
या जन्मदिन के बाद वाला दिन
सुखमय न हो जाए
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फ़ेसबूक को आप
चाहे कितना ही बुरा-भला कह लो
पर एक बात तो है
कि इसकी मार्फ़त
कुछ लोगों ने 'विश' तो किया
जन्मदिन पर दो शब्द तो लिखें
लेकिन
एक बात ज़रूर खलती है कि
इसमें 'डियर-वियर' का कोई रिवाज़ नहीं है
पता ही नहीं चलता है
कि हम किसके 'डियर' हैं
किसके 'डियरेस्ट'
और किसके सिर्फ़ राहुल
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27 नवम्बर 2013
सिएटल । 513-341-6798