Wednesday, February 24, 2010

शादी है एक ऐसा अजूबा

शादी है एक ऐसा अजूबा
जो अच्छे-खासे को एक दिन
बना दे नमूना

बना दे
टाईगर को बिल्ली
और
बीवी को टाईगर

जो देता था फूल
वो लगता है 'फ़ूल'
दुनिया के आगे
कर के भूल कबूल

मानो प्राईमरी का बच्चा
लिखे ब्लैकबोर्ड पे दस बार
माफ़ करे मिस!
मैं करूँगा होमवर्क हर बार

सिएटल । 425-445-0827
24 फ़रवरी 2010
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'फ़ूल'= fool; प्राईमरी = primary;
ब्लैकबोर्ड = blackboard; मिस = miss;
होमवर्क = homework

Sunday, February 21, 2010

सोचता था

सोचता था
तुम मिलोगी
तो ऐसा होगा
तुम मिलोगी
तो वैसा होगा

घंटों हम बातें करेंगे
एक-दूसरे को निहारा करेंगे
चुप न रहेंगे
खूब हँसेंगें
एक-दूसरे की टांग खींचेंगें

लेकिन तुम
आई-फोन में घुसी रही
और मैं
ब्लैकबेरी से चिपका रहा

दिन ढला
और रात हुई
दिल से दिल की
न बात हुई
तुम चली
और मैं चला
खत्म हमारी मुलाक़ात हुई

सोचता था
तुम मिलोगी
तो ...

सिएटल । 425-445-0827
21 फ़रवरी 2010
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आई-फोन = iPhone; ब्लैकबेरी = blackberry

Sunday, February 14, 2010

कहीं एक मासूम नाज़ुक सी लड़की

कहीं एक मासूम नाज़ुक सी लड़की
बहुत खूबसूरत मगर सांवली सी

चलो चेक करूँ ई-मेल आती ही होगी
कह कह के लॉगिन करती तो होगी
कोई कॉल शायद मिस हो गया हो
सेल फोन बार बार देखती तो होगी
और फिर फोन की घंटी बजते ही वो
उसी फोन से डर डर जाती तो होगी

चलो पिंग करूँ जी में आता तो होगा
मगर उंगलियां कँप-कँपाती तो होंगी
माऊस हाथ से छूट जाता तो होगा
उमंगें माऊस फिर उठाती तो होंगी
मेरे नाम खास ईमोटिकॉन सोचकर
वो दांतों में उँगली दबाती तो होगी

चलो सर्च करुँ जी में आता तो होगा
कभी याहू तो कभी गुगल पर
मेरा नाम बदल बदल कर
मुझे बार बार ढूंढती तो होगी

मेरे ब्लॉग पर ख़ुद को कविता में पाकर
बदन धीमे धीमे सुलगता तो होगा
लिखूँ टिप्पणी जी में आता तो होगा
कीबोर्ड पे उंगली थरथराती तो होगी
कई बार मन की उमंगो को लिख कर
वो ’कैन्सल’ बटन फ़िर दबाती तो होगी

सिएटल
(
कमाल अमरोही से क्षमायाचना सहित)
(अंतिम अंतरे के लिये मैं
अनूप जी का आभारी हूँ.)
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चेक = check; ई-मेल = email; लॉगिन = login
कॉल = call; मिस = miss; सेल फोन = cell phone
पिंग = ping; माऊस = mouse; ईमोटिकॉन =
emoticon
सर्च = search; याहू = Yahoo; गुगल = Google
ब्लॉग = blog; कीबोर्ड = keyboard; कैन्सल’ = cancel

Thursday, February 11, 2010

राम ही जाने कैसे बेड़ा होगा पार

जब हो टोयोटा की कंडम कार
और ओबामा की ठप्प सरकार
राम ही जाने कैसे बेड़ा होगा पार

सोच समझ के ली थी कार
और ओबामा को पहनाया हार
उसका नतीजा निकला ये
कि दे दी दोनों ने मुझको हार
राम ही जाने कैसे बेड़ा होगा पार

चलना है जिसको वो चलती नहीं
रूकना है जिसको वो रूकती नहीं
टोयोटा-ओबामा में मैं ऐसा फ़ंसा
कि डूब गया मेरा घर-संसार
राम ही जाने कैसे बेड़ा होगा पार

हमने इसको राज दिया
इसने हमको त्याग दिया
खुद है शहंशाह, पाए ईनाम
और रहे हम बेकाम बेकार
राम ही जाने कैसे बेड़ा होगा पार

करता धरता कुछ भी नहीं
देश के हित की सुध भी नहीं
'चेंज' और 'होप' के नारे लगाए
और जब देखो तब कहे जी-ओ-पी मक्कार
राम ही जाने कैसे बेड़ा होगा पार

जब जब आए संकट बड़े
माइक लिये ये दिखाए पड़े
वक्ता है, नहीं नेता है
मझधार में नाव की जो खेते पतवार
राम ही जाने कैसे बेड़ा होगा पार

सिएटल । 425-445-0827
11 फ़रवरी 2010
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'चेंज' = change
'होप' = hope
जी-ओ-पी = GOP = Grand Old Party = Republican Party