Monday, April 22, 2024

डीलिटेड मैसेज

आज फिर उसने एक मैसेज डीलिट कर दिया 

और मुझे सातवें आसमान पर पहुँचा दिया 


सारे दिन फुदकता रहा

सोचता रहा

उसने यह कहा होगा

वह लिखा होगा

मुझे दिल की बात कही होगी

फिर डर गई होगी

या कुछ ऐसा लिख दिया होगा

जिसे पढ़ कर वह खुद ही शर्मा गई होगी 

हाय राम! ये क्या लिख दिया

मैं भी कितनी पागल हूँ 


वह जब भी ऐसा करती है 

पूछने पर कुछ बताती नहीं 

हम क्यूँ बताएँ?

बताना होता तो डीलिट क्यों करते?

ख़ुद ही सोचो क्या लिखा होगा

यूँ तो कल्पना के घोड़े खूब दौड़ाते हो


जो तीन शब्द 

वह लिख नहीं पाती है 

कह नहीं पाती है 

उन्हें एक डीलिटेड मैसेज में मैं 

हज़ार बार पढ़ लेता हूँ 

बावरा हो जाता हूँ 

नोबेल पुरस्कार पा जाता हूँ 


राहुल उपाध्याय । 22 अप्रैल 2024 । सिएटल 





Sunday, April 21, 2024

ग़ुलामी सभ्यता की

आँखों पे चश्मा है

कानों में एयर पॉड्स हैं

हाथों में छुरी-काँटे हैं 


पाँव पहले ही से नाकाम हैं

जूते-चप्पलों पर आश्रित है

एक नहीं दस-दस अलग-अलग प्रकार के हैं

इसे पहन कर बाथरूम नहीं जा सकते

इसे पहन कर बाग में नहीं 

इसे पहन कर टेनिस नहीं खेल सकते

इसे पहन कर शादी में नहीं जा सकते

इसे पहन कर दफ़्तर नहीं 


चश्मे भी एक नहीं कई हैं

दूर का

पास का

धूप का

एक बग़ैर लेंस का


अब हेडफ़ोन भी दस तरह के आने लगेंगे

एक अच्छी खबर सुनने के लिए 

एक बुरी खबर सुनने के लिए

एक कुछ न सुनने के लिए


आत्मनिर्भर तो दूर

सभ्यता ने हमें ग़ुलाम बना कर रख दिया है


पूरा शरीर 

कवच में क़ैद है


राहुल उपाध्याय । 21 अप्रैल 2024 । सिएटल 

इतवारी पहेली: 2024/04/21


इतवारी पहेली:


बदबू? या तो तुमने # ## #

या फिर खाया तुमने %## #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 28 अप्रैल 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 21 अप्रैल 2024 । सिएटल 



Re: इतवारी पहेली: 2024/04/14



On Sat, Apr 13, 2024 at 10:53 PM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


सचिन ने जलवे दिखाए ### ##

और भाषण दे सकता हूँ # ## ## 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 21 अप्रैल 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 14 अप्रैल 2024 । सिएटल 



Friday, April 19, 2024

सीधी सड़कें ही अच्छी नहीं होती हैं

सीधी सड़कें ही अच्छी नहीं होती हैं 
 घुमावदार रास्तों पर भी प्रतिपल 
 नज़ारे सुन्दर हो सकते हैं 

 या यह कहना ग़लत नहीं है कि 
घुमावदार रास्तों पर ही प्रतिपल 
 नज़ारे सुन्दर होते हैं 

 सीधे-सादे लोग ही अच्छे नहीं होते हैं 

 राहुल उपाध्याय । 19 अप्रैल 2024 । सिएटल

Tuesday, April 16, 2024

वह मुझसे रोज़ बात नहीं कर पाती है

वह मुझसे रोज़ बात नहीं कर पाती है


कभी वह व्यस्त 

कभी मैं 


कभी वह मजबूर 

कभी मैं 


मिस्ड कॉल देखकर ही

हम संतुष्ट हो जाते हैं 

मानो घंटों बातें कर ली हो

आलिंगन में बंध गए हो

सात क्या सत्तर फेरे ले लिए हो


वह मेरा स्टेटस देख लेती है

मैं उसका

कभी सोने से पहले

कभी जगने के बाद

जैसे कोई इबादत करता हो


हम ज़मीं पर नहीं 

हम सातवें आसमान पर हैं 


हाँ, वह मुझसे रोज़ बात नहीं कर पाती है

लेकिन हम हर पल साथ रहते हैं 


राहुल उपाध्याय । 16 अप्रैल 2024 । सिएटल 


Saturday, April 13, 2024

इतवारी पहेली: 2024/04/14


इतवारी पहेली:


सचिन ने जलवे दिखाए ### ##

और भाषण दे सकता हूँ # ## ## 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 21 अप्रैल 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 14 अप्रैल 2024 । सिएटल 



Re: इतवारी पहेली: 2024/03/31



On Sun, Mar 31, 2024 at 6:03 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


एक है पत्नी, और एक है ### 

दोनों ने किया बुरा हाल ## #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 7 अप्रैल 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 31 मार्च 2024 । सिएटल 



Thursday, April 4, 2024

मैं अमर हूँ

मौत सबकी होती है 

मेरी नहीं होगी

मैं मेरी मौत के बाद रहूँगा ही नहीं 

कि उसका संज्ञान पा सकूँ 

कि उसकी तिथि दर्ज कर सकूँ 

तो मैं मरा कैसे


जो मैं हूँ 

वो तो जन्मा भी नहीं 

जो रोता हुआ बच्चा जन्मा था

वह मैं नहीं था

मुझे मेरी पहली याद मेरा स्कूल जाना है 

वह पैदा नहीं हुआ था

वह प्रकट हुआ था 


जन्मा था कोई और किसी के लिए

मरेगा भी कोई और किसी के लिए


मैं तो अमर हूँ 


जब मैं अमर हूँ तो

कार में सीट बेल्ट क्यों लगाता हूँ 

बोट में लाइफ वेस्ट क्यों पहनता हूँ 


यह इसलिए कि

मैं अपाहिज की ज़िंदगी नहीं जीना चाहता 


राहुल उपाध्याय । 4 अप्रैल 2024 । बॉयज़ी, आयडाहो 

Monday, April 1, 2024

स्वयंभू

मैंने न शार्क देखी है

न डायनासोर 

लेकिन मैं यह दावे के साथ कह सकता हूँ कि

शार्क कैसी दिखती है

डायनासोर कैसा दिखता था


मैंने सूर्यमंडल का कोई भी ग्रह

अपनी आँखों से नहीं देखा है

लेकिन उनके नाम बता सकता हूँ 

यह भी बता सकता हूँ कि 

मंगल ग्रह लाल है

और शनि ने बेल्ट पहन रखी है


यह सब न कहूँ 

तो मैं समझदार नहीं हूँ 

जो नहीं देखा 

जिसे किसी ने नहीं देखा 

उसे भी मानने में समझदारी है 

वरना मैं कभी पैदा ही नहीं हुआ 

मैं स्वयंभू हूँ 


राहुल उपाध्याय । 1 अप्रैल 2024 । सिएटल 


Sunday, March 31, 2024

इतवारी पहेली: 2024/03/31


इतवारी पहेली:


एक है पत्नी, और एक है ### 

दोनों ने किया बुरा हाल ## #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 7 अप्रैल 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 31 मार्च 2024 । सिएटल 



Re: इतवारी पहेली: 2024/03/17

On Sat, Mar 16, 2024 at 11:05 PM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


हॉलीवुड से होंगे हम कभी ## #

जब तक आती रहेंगी नाचने ### 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 24 मार्च 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 17  मार्च 2024 । सिएटल 



Saturday, March 30, 2024

जीवनी

बहुत ख़ुशी है मुझे कि

मैं गरीब पैदा हुआ 

मैं गर्व से कह सकता हूँ 

कि मैं गरीब था


मैं अमीर था

यह कहने में कोई गर्व नहीं होता

बल्कि शर्म आती


दुख भी है मुझे कि मैंने

लालटेन में पढ़ाई नहीं की

नदी पार कर स्कूल नहीं गया

पाँव में छाले नहीं पड़े 

कुत्ते ने रोटी नहीं छीनी


वरना आज और गर्व होता 


राहुल उपाध्याय । 30 मार्च 2024 । सिएटल 





Thursday, March 28, 2024

तुम तो ठहरे मनमौजी

तुम तो ठहरे मनमौजी

देश क्या चलाओगे 

जेल भरो हर रोज़ ही

देश क्या चलाओगे 


प्रेम-प्यार-प्रीत आदि

तुम में है ज़रा भी नहीं 

तुम में है नफ़रत भरी 

देश क्या चलाओगे 


आँख में हैं अंगारे 

हँसना तुम्हें आता नहीं 

घर तलक चलाया नहीं 

देश क्या चलाओगे 


राहुल उपाध्याय । 28 मार्च 2024 । सिएटल 


Friday, March 22, 2024

देखी है पहली बार

देखी है पहली बार

पीएम की आँखों में हार

अब जा के आया मेरे

बेचैन दिल को करार

कब तक पहनते वो मास्क 

उतरा तो पाए बीमार 


क्या-क्या सुनाऊँ 

तुम्हें क्या-क्या बताऊँ 

ईडी के क़िस्से 

तुम्हें कब तक सुनाऊँ 

ये नहीं जादूगर है

इनको नहीं शरम है

कुर्सी हथियाना

बस इनका धरम है 


इनको पुटिन भाए

तानाशाही अपनाए

कोई बात न माने

उसे जेल दिखाए

अपने ही दल में भरे

भ्रष्ट देख न पाए

चमचों की दुनिया 

बस जोड़ ये पाए


राहुल उपाध्याय । 22 मार्च 2024 । सिएटल 









देखा है पहली बार साजन की आँखों में प्यार

तब जा के आया मेरे बेचैन दिल को करार

दिलबर तुझे मिलने को कब से था मैं बेकरार

अब जा के आया मेरे बेचैन दिल को करार

देखा है पहली बार ...


पलकें झुकाऊं तुझे दिल में बसाऊं

अब बिन तेरे मैं तो कहीं चैन न पाऊं

तू मेर जिगर है तू मेरी नज़र है

तू मेरी आरज़ू तू मेरा हमसफ़र है

देखा है पहली बार ...


मेरी अदाएं ये मेरी जवानी

बस तेरे लिए है ये मेरी ज़िंदगानी

तू मेरी गज़ल है तू मेरा तराना

आ तेरी धड़कनों पे लिख दूँ दिल का फ़साना

देखा है पहली बार ...


देखा है पहली बार जानम की आँखों में प्यार

तब जा के आया मेरे बेचैन दिल को करार

दिलबर तुझे मिलने को कब से थी मैं बेकरार

अब जा के आया मेरे बेचैन दिल को करार

देखा है पहली बार ...


Wednesday, March 20, 2024

एक अकेला जीवन मेरा

एक अकेला जीवन मेरा 

बाक़ी का बचकाना है 

आते-जाते मौसम सारे 

एक यही सच माना है 


चलते चलते बदरा छाए 

मैंने समझा छाया है 

रूखे-सूखे ही थे अच्छे 

भीगे तो मर जाना है 


अपनों की ये जात बुरी है 

अपनों से क्या पाया है 

जलती-बुझती शम्मा सारी 

मरता तो परवाना है


अपनी-अपनी क़िस्मत सबकी 

कहना घोर छलावा है 

हाथों में जब हाथ नहीं हैं

मन को यूँ बहलाना है


अगला-पिछला ब्याज समेत 

लौटा दूँ ये सोचा है 

आपकी यादें फ़्री में आईं  

उनको कब भिजवाना है


राहुल उपाध्याय ।  20 अप्रैल 2024 । सिएटल