Thursday, April 4, 2024

मैं अमर हूँ

मौत सबकी होती है 

मेरी नहीं होगी

मैं मेरी मौत के बाद रहूँगा ही नहीं 

कि उसका संज्ञान पा सकूँ 

कि उसकी तिथि दर्ज कर सकूँ 

तो मैं मरा कैसे


जो मैं हूँ 

वो तो जन्मा भी नहीं 

जो रोता हुआ बच्चा जन्मा था

वह मैं नहीं था

मुझे मेरी पहली याद मेरा स्कूल जाना है 

वह पैदा नहीं हुआ था

वह प्रकट हुआ था 


जन्मा था कोई और किसी के लिए

मरेगा भी कोई और किसी के लिए


मैं तो अमर हूँ 


जब मैं अमर हूँ तो

कार में सीट बेल्ट क्यों लगाता हूँ 

बोट में लाइफ वेस्ट क्यों पहनता हूँ 


यह इसलिए कि

मैं अपाहिज की ज़िंदगी नहीं जीना चाहता 


राहुल उपाध्याय । 4 अप्रैल 2024 । बॉयज़ी, आयडाहो 

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