Tuesday, March 30, 2021

जब फँसे हम नहर के किनारे

https://youtu.be/tHNsCvcelzw


वस्तुएँ दुनिया से कैसे

घर पर पहुँचे हमारे

समझे तब जब फँसे हम

नहर के किनारे


आबादी जितनी बढ़ेगी

ज़रूरतें उतनी बढ़ेंगी

तेज़ी के इस युग में

उम्मीदें और बढ़ेंगी 


आप कहीं हो जहाँ में

मिले सब कुछ वहाँ है

गर्मी में आइसक्रीम मिलती

बर्फ़ में पिज़्ज़ा मिला है


हर घड़ी हर पहर हम

भर रहे हैं क़दम हम

छोटी सी ज़िंदगी में

जा रहे हैं किधर हम


राहुल उपाध्याय । 30 मार्च 2021 । सिएटल 



Saturday, March 27, 2021

इतवारी पहेली: 2021/03/28


इतवारी पहेली:


जो दिख रहे आज ### #

ज़रूरी नहीं कि वे ## ##


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 4 अप्रैल को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 28 मार्च 2021 । सिएटल















Friday, March 26, 2021

शिकवा-शिकायत

दो साल में

पहली बार

घर गया

तो

मम्मी घर पर नहीं थी


उनका वॉकर 

उनकी तुलसी 

उनका बिस्तर 

उनका टीवी

उनकी मिश्री 

सब मुँह ताक रहे थे


उधर 

अस्पताल में

मम्मी की

दुबली-पतली बाँहें 

सात बार गोदी गईं

35 वायल खून निकाला गया


मम्मी ने

कोई विरोध नहीं किया


कितना

दुख होता है 

जब नवजात शिशु 

बिलख-बिलख कर नहीं रोता है


यह कैसा जीवन 

जिसमें 

शिकवा-शिकायत नहीं


और

ये निर्जीव 

वॉकर

टीवी

बिस्तर 

कुर्सी

मुझसे लिपट कर 

रोने को कह रहे थे


राहुल उपाध्याय । 26 मार्च 2021 । सिएटल 

















Thursday, March 25, 2021

सेल्फ़ी के इस जुग में

https://youtu.be/V80NYE6QMco 


फ़ेयर एण्ड लवली ना सही

फ़िल्टर आए काज

सेल्फ़ी के इस जुग में

भए चकाचक आज 


फ़ेसबुक और व्हाट्सएप की 

लगी कैसी हाय

चलता-फिरता आदमी

बैठा पीठ तोड़ाय 


न सोए न जागे वो

बाँचें दिन और रात

पढ़-पढ़ के अनपढ़ भए

समझ न आवे बात


ज्ञान और विज्ञान का

हो गया पत्ता साफ़ 

इमोजी-इमोजी चारों ओर

रोते-रोते लॉफ 


मीठी वाणी बोलिए

कहें राहुल कविराय 

बाद में निंदा करें

कर के ज़ूम पर बाय


राहुल उपाध्याय । 24 मार्च 2021 । सिएटल 





Sunday, March 21, 2021

इतवारी पहेली: 2021/03/21


इतवारी पहेली:


हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई के मतभेद #### हैं

मज़हब न हो तो इन्सानियत के नाते # ## ## हैं


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 28 मार्च को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 21 मार्च 2021 । सिएटल















Friday, March 19, 2021

जो चाहता है तू तुझको अता है

https://youtu.be/wrm1R6OXsWc 


मेरे सपनों ने मुझे ये कहा है

जो चाहता है तू तुझको अता है

ये सारा जीवन जो तुझको मिला है

है ये एक सौग़ात नहीं ये सज़ा है


जो जलवे हैं जग में उन्हें तो निखारों

जो मुख़ातिब हैं तुमसे उन्हें तो पुकारों

जो पाया है नभ से उन्हें तो निहारों

दिन-रात का संग सबसे जुदा है


भड़कते हैं शोले जो तेरे बदन में

पनपते हैं धागे जो तेरे ही मन में

बनते हैं नगमें वो सुर के चमन में

तेरे राग का तू खुद ही ख़ुदा है


हसीं इस जहाँ में सब ही हसीं हैं

चाहता है तू जिसको वो दिलनशी है

देख लें खुद को तू तुझे क्या कमी है

अपने आपको ही नहीं जानता है


राहुल उपाध्याय । 19 मार्च 2021 । सिएटल 

अता = दिया गया

मुख़ातिब = सामने


Tuesday, March 16, 2021

रशिका

रशिका 

राधिका

या नारी हो कोई 

गोरी हो

साँवली हो

या काली हो कोई 

पढ़ी-लिखी

सुशील

या अनाड़ी हो कोई 


यूँ किसी लौ का

मिट जाना

ठीक नहीं 


शराबी हो

कबाबी हो

या जुआरी हो कोई 

चोर हो

उचक्का हो

या गुण्डा हो कोई 

लुच्चा हो

लफ़ंगा हो

या ख़ूनी हो कोई


बिना कोर्ट-कचहरी 

किसी को फाँसी 

देते नहीं हैं

यूँ ही 

किसी की जान

लेते नहीं है 


झूठ है कि

रशिका ने

आज जान दी है 

वह तो 

उसी दिन मर गई थी

जिस दिन

निर्भया मरी थी


झूठ है कि

रशिका ने

आज जान दी है 

वह तो 

उसी दिन मर गई थी

जिस दिन

उस पर पाबंदी लगी थी

उठने की-बैठने की 

खाने की-पीने की

मिलने की-जुलने की

कब क्या पहनने की


झूठ है कि

रशिका ने

आज जान दी है 

वह तो 

उसी दिन मर गई थी

जिस दिन

वह भारत में जन्मी थी


राहुल उपाध्याय । 16 मार्च 2021 । सिएटल 





Sunday, March 14, 2021

 

https://youtu.be/KHz3cUO5EqI


है गिला उन्हें मैं प्यार किया करता हूँ

प्यार मुझे सबसे मैं प्यार किया करता हूँ


ज़माने भर के ग़मों की है एक भीड़ यहाँ

उन्हें तज के मैं प्यार किया करता हूँ


न इसका हूँ, न उसका हूँ, न किसी का हूँ मैं 

हर कली से मैं प्यार किया करता हूँ 


न मिलाई कुंडली, न मुहूर्त निकाला है कभी

सुबह से शाम से मैं प्यार किया करता हूँ


न सोचा, न समझा, न परखा है कभी 

सरफिरा मैं, मैं प्यार किया करता हूँ


राहुल उपाध्याय । 4 फ़रवरी 2021 । सिएटल


Saturday, March 13, 2021

इतवारी पहेली: 2021/03/14


इतवारी पहेली:


जो तिलक है भस्म # ###

गीत उनका भक्त हर ## ##


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 21 मार्च को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 14 मार्च 2021 । सिएटल















Thursday, March 11, 2021

ऐ बन्दे तुझे क्या है ग़म


https://youtu.be/A4rEoF3EOqU


ऐ बन्दे तुझे क्या है ग़म 

तेरे सर पे है उसका करम

बात बन जाएगी

राह मिल जाएगी

'गर तू पाले न कोई भरम 


एक ही का सदा नाम ले

खुद ही खुद को थाम ले

तू वही पाएगा 

जो भी कर जाएगा 

तेरी बुद्धि से खुद काम ले

कर दिल से 

न रख कुछ वहम 

जो भी पाएगा

होगा अहम


कोई पाया नहीं पार है

मिला सुंदर ये संसार है

मिला सूरज हमें

मिला चंदा हमें 

सब सुखों की मिली खान है

भरी दौलत यहाँ है अगम 

पग-पग पे है उसका करम


(भरत व्यास से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 11 मार्च 2021 । सिएटल 

Wednesday, March 10, 2021

चाहे बरसात ही हो

मैं जानता हूँ 

यह मेरी उम्र नहीं 

और बंधन में 

बंधने का भी कोई शौक़ नहीं 

लेकिन 

तुम

तुम्हारी हरकतें 

तुम्हारी अदाएं 

तुम्हारी बातें 

तुम्हारी ज़ुल्फ़ें 

तुम्हारी आँखें 

तुम्हारी बाँहें 

सब मजबूर करते हैं

मुझे 

उसी बर्तन में खाने को

जिसमें मैं पकाता हूँ 

ताकि

चाहे बरसात ही हो

पर विवाह की सम्भावना तो हो


राहुल उपाध्याय । 10 मार्च 2021 । सिएटल 


Sunday, March 7, 2021

यूँ कर तेरे मन को

https://youtu.be/QDfpxZcL3Is 

यूँ कर तेरे मन को

जैसे बहता हो शिकारा

रंगीं हो ये मौसम

लगे प्यारा जग सारा


सारा तेरा जीवन ये

प्यार से यूँ छलके

ख़ुश रहे तब तक तू

जब तक खुली पलकें 

तू ही तेरा जीवन

तू ही तेरा सहारा


गाए जा जीवन भर

ख़ुशियों भरे नग़मे 

मिले जो ग़म भी तो

तार उन्हें हँस के

तू ही तेरा नायक

तू ही तेरा सहारा

यूँ कर तेरे मन को


(आनंद बक्षी से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 7 मार्च 2021 । सिएटल



इतवारी पहेली: 2021:03/07


इतवारी पहेली:


बनाने के एक नहीं पचास हैं ###

आलू बनाओ सूखे या बनाओ ## #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 14 मार्च को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 7 मार्च 2021 । सिएटल


हल: तरीके / तरी के















Friday, March 5, 2021

तक़दीर का बहाना

https://youtu.be/om81GWuwAbE 


तक़दीर का बहाना 

कब तक कोई बनाए

मुश्किल है जो भी कोई 

क्यों न उसे मिटाए


जीवन के सफ़र में

कठिनाईयाँ बहुत हैं

कठिनाईयों से डर के 

कब तक कोई निभाए


ज़ंजीर नहीं है कोई 

बंधन कदम कदम हैं

शमशीर हमारे हाथ हैं 

क्यों न उन्हें चलाएँ


आसमाँ से भी आगे 

आसमाँ कई-कई हैं

छू लेंगे हाथ तेरे

'गर हाथ तू बढ़ाएँ


(हसरत जयपुरी से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 4 मार्च 2021 । सिएटल 

शमशीर = तलवार