Friday, March 26, 2021

शिकवा-शिकायत

दो साल में

पहली बार

घर गया

तो

मम्मी घर पर नहीं थी


उनका वॉकर 

उनकी तुलसी 

उनका बिस्तर 

उनका टीवी

उनकी मिश्री 

सब मुँह ताक रहे थे


उधर 

अस्पताल में

मम्मी की

दुबली-पतली बाँहें 

सात बार गोदी गईं

35 वायल खून निकाला गया


मम्मी ने

कोई विरोध नहीं किया


कितना

दुख होता है 

जब नवजात शिशु 

बिलख-बिलख कर नहीं रोता है


यह कैसा जीवन 

जिसमें 

शिकवा-शिकायत नहीं


और

ये निर्जीव 

वॉकर

टीवी

बिस्तर 

कुर्सी

मुझसे लिपट कर 

रोने को कह रहे थे


राहुल उपाध्याय । 26 मार्च 2021 । सिएटल 

















इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: