Tuesday, March 16, 2021

रशिका

रशिका 

राधिका

या नारी हो कोई 

गोरी हो

साँवली हो

या काली हो कोई 

पढ़ी-लिखी

सुशील

या अनाड़ी हो कोई 


यूँ किसी लौ का

मिट जाना

ठीक नहीं 


शराबी हो

कबाबी हो

या जुआरी हो कोई 

चोर हो

उचक्का हो

या गुण्डा हो कोई 

लुच्चा हो

लफ़ंगा हो

या ख़ूनी हो कोई


बिना कोर्ट-कचहरी 

किसी को फाँसी 

देते नहीं हैं

यूँ ही 

किसी की जान

लेते नहीं है 


झूठ है कि

रशिका ने

आज जान दी है 

वह तो 

उसी दिन मर गई थी

जिस दिन

निर्भया मरी थी


झूठ है कि

रशिका ने

आज जान दी है 

वह तो 

उसी दिन मर गई थी

जिस दिन

उस पर पाबंदी लगी थी

उठने की-बैठने की 

खाने की-पीने की

मिलने की-जुलने की

कब क्या पहनने की


झूठ है कि

रशिका ने

आज जान दी है 

वह तो 

उसी दिन मर गई थी

जिस दिन

वह भारत में जन्मी थी


राहुल उपाध्याय । 16 मार्च 2021 । सिएटल 





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