Tuesday, March 30, 2021

जब फँसे हम नहर के किनारे

https://youtu.be/tHNsCvcelzw


वस्तुएँ दुनिया से कैसे

घर पर पहुँचे हमारे

समझे तब जब फँसे हम

नहर के किनारे


आबादी जितनी बढ़ेगी

ज़रूरतें उतनी बढ़ेंगी

तेज़ी के इस युग में

उम्मीदें और बढ़ेंगी 


आप कहीं हो जहाँ में

मिले सब कुछ वहाँ है

गर्मी में आइसक्रीम मिलती

बर्फ़ में पिज़्ज़ा मिला है


हर घड़ी हर पहर हम

भर रहे हैं क़दम हम

छोटी सी ज़िंदगी में

जा रहे हैं किधर हम


राहुल उपाध्याय । 30 मार्च 2021 । सिएटल 



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