Thursday, April 1, 2021

बड़े बेरहम हैं ये रिश्ते-नाते



बड़े बेरहम हैं ये रिश्ते-नाते 

'गर लगी आग रहते दूर हैं 

बड़े बेक़दर हैं ये रिश्ते-नाते 

'गर लगी आँख लेते लूट हैं 


हर पहर भूख है, हर क़दम झूठ है 

क्या हुआ किसलिए हुए मजबूर हैं

कैसे-कैसे अरमान हैं पाले हुए

ये नहीं, कुछ नहीं, हैं बताते 


राज़ की बात है तुम सुनो ध्यान से

'गर कभी प्यार हो तो करो जान के

के दिल एक दिन तो टूटेगा ये

जान भी जाएगी उन्हें समझाते


राहुल उपाध्याय । 24 मार्च 2021 । सिएटल 


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3 comments:

जितेन्द्र माथुर said...

जी हां, दुनिया ऐसी ही है ।

आलोक सिन्हा said...

बहुत बहुत सुन्दर

मन की वीणा said...

बहुत सुंदर पोस्ट।