सीमेंट बिछाते वक़्त
किसने सोचा था कि
एक दिन
जड़ें उभर आएगी
सीमेंट बिखर जाएगी
पथ में रोड़े अटकाएगी
-X-X-X-X
सीमेंट बिछाते वक़्त
किसने सोचा था कि
एक दिन
जड़ें उभर आएगी
सीमेंट बिखर जाएगी
पथिक को कुछ क्षण के लिए रोक लेगी
उसे
दूर की ही नहीं, पास की भी
उपर की ही नहीं, नीचे की भी
दुनिया से अवगत कराएगी
ठोकर तो लगेगी
लेकिन
एक नया अनुभव होगा
एक याद बनेगी
जहन में एक तस्वीर खींचेगी
और चाहे कुछ हो न हो
एक कविता तो ज़रूर बनेगी
-X-X-X-X-
घर से निकलते वक़्त
किसने सोचा था कि
आज एक कविता बनेगी?
-X-X-X-X-
आई-टी में पढ़ते वक़्त
आई-टी में काम करते वक़्त
अंग्रेज़ियत की लीपापोती करते वक़्त
किसने सोचा था कि
एक दिन
हिंदी में कविता फूटेगी
और पथ प्रज्वलित करेगी
20 फ़रवरी 2014
सिएटल । 513-341-6798
किसने सोचा था कि
एक दिन
जड़ें उभर आएगी
सीमेंट बिखर जाएगी
पथ में रोड़े अटकाएगी
-X-X-X-X
सीमेंट बिछाते वक़्त
किसने सोचा था कि
एक दिन
जड़ें उभर आएगी
सीमेंट बिखर जाएगी
पथिक को कुछ क्षण के लिए रोक लेगी
उसे
दूर की ही नहीं, पास की भी
उपर की ही नहीं, नीचे की भी
दुनिया से अवगत कराएगी
ठोकर तो लगेगी
लेकिन
एक नया अनुभव होगा
एक याद बनेगी
जहन में एक तस्वीर खींचेगी
और चाहे कुछ हो न हो
एक कविता तो ज़रूर बनेगी
-X-X-X-X-
घर से निकलते वक़्त
किसने सोचा था कि
आज एक कविता बनेगी?
-X-X-X-X-
आई-टी में पढ़ते वक़्त
आई-टी में काम करते वक़्त
अंग्रेज़ियत की लीपापोती करते वक़्त
किसने सोचा था कि
एक दिन
हिंदी में कविता फूटेगी
और पथ प्रज्वलित करेगी
20 फ़रवरी 2014
सिएटल । 513-341-6798