ट्रम्प भी
कैसी है पहेली, हाए
कभी तो हँसाए
कभी ये रुलाए
कभी देखो ट्रम्प नहीं माने
पीछे पीछे सपनों के भागे
एक के बाद एक एक्ज़ीक्यूटिव अॉर्डर
साईन करता चला जाए यहाँ
जिन्होंने उगाए यहाँ संतरे
उनसे कहे जाओ अपने घर रे
वही चुनकर ख़ामोशी
यूँ चले जाए अकेले कहाँ
(योगेश से क्षमायाचना सहित)
24 मार्च 2017
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