Tuesday, November 2, 2010

परिणाम चाहे जो भी हो

डेमोक्रेट्स जीते या रिपब्लिकन्स जीते, हमें क्या

ये मुल्क नहीं मिल्कियत हमारी

हम इन्हें समझे हम इन्हें जाने

ये नहीं अहमियत हमारी


तलाश-ए-दौलत आए थे हम

आजमाने किस्मत आए थे हम

आते हैं खयाल हर एक दिन

जाएंगे अपने घर एक दिन

डेमोक्रेट्स जीते या रिपब्लिकन्स जीते

बदलेगी नहीं नीयत हमारी

हम इन्हें समझे ...


ना तो है हम डेमोक्रेट

और नहीं है हम रिपब्लिकन

बन भी गये अगर सिटीज़न

बन न पाएंगे अमेरिकन

डेमोक्रेट्स जीते या रिपब्लिकन्स जीते

छुपेगी नहीं असलियत हमारी

हम इन्हें समझे ...


न डेमोक्रेट्स का प्लान

न रिपब्लिकन्स का वाँर

कर सकता है

हमारा उद्धार

डेमोक्रेट्स जीते या रिपब्लिकन्स जीते

पूछेगा नहीं कोई खैरियत हमारी

हम इन्हें समझे ...


हम जो भी हैं

अपने श्रम से हैं

हम जहाँ भी हैं

अपने दम से हैं

डेमोक्रेट्स जीते या रिपब्लिकन्स जीते

काम आयेगी बस काबिलियत हमारी

हम इन्हें समझे ...



फूल तो है पर वो खुशबू नहीं

फल तो है पर वो स्वाद नहीं

हर तरह की आज़ादी है

फिर भी हम आबाद नहीं

डेमोक्रेट्स जीते या रिपब्लिकन्स जीते

यहाँ लगेगी नहीं तबियत हमारी

हम इन्हें समझे ...

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1 comments:

Rajeev Bharol said...

लेकिन वोट जरूर डालें..नहीं तो कोई और आपके लिए फैसला ले लेगा. और फर्क भी पड़ता है हुज़ूर.