Sunday, July 8, 2012

ये जो एन-आर-आई है

ये जो एन-आर-आई है
ये उनका है नाम
अरे माँ-बाप को जो
बस रोते हुए छोड़
चले जाए
बस जाए
पा जाए ग्रीन-कार्ड
रहने दो छोड़ो भी जाने दो यार
ये न कहो गद्दार ...
ये न कहो मक्कार ...

आँखें किसी से न उलझ जाए मैं डरता हूँ
यारों आई-आई-टी की गली से मैं गुज़रता हूँ
बस दूर ही से कर के सलाम
ये जो एन-आर-आई है ...

मिले अगर डॉलर तो ये धरम भी दे बेचे
भुट्टा सेंकने वाले बंदे बीफ़ को भी सेंके
खा-पी के बोले कण-कण में भगवान
ये जो एन-आर-आई है ...

गिरे अगर रुपैया तो खुशी से ये झूमें
मस्ती से पैग पीए, साठ का गुणा सीखें
लाख कमाए और सोचे करोड़ है पगार
ये जो एन-आर-आई है ...

(आनंद बक्षी से क्षमायाचना सहित)
सिएटल । 513-341-6798
8 जुलाई 2012
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ग्रीन-कार्ड = Green Card
आई-आई-टी = IIT
बीफ़ = beef, गाय का मांस

Wednesday, July 4, 2012

4 जुलाई

तीन रंग हैं लेकिन वो तिरंगा नहीं
ये टापू है लेकिन किनारा नहीं
कहने को सब
लेकिन कोई हमारा नहीं

बारूद में नहाती हैं सतरंगी रातें
बार्बेक्यू पे होती हैं बेतुकी सी बातें
जय-जय का गूंजता कहीं नारा नहीं

ऐसा नहीं कि हाथ हमने बढ़ाया नहीं
बढ़ के उन्हें गले लगाया नहीं
बस उन्होंने ही हमे कभी पुकारा नहीं

बंजारे हैं हम, बंजारे रहेंगे सदा
भटके हैं हम, भटके रहेंगे सदा
जो जड़ से न जुड़े उनका होता सहारा नहीं

सिएटल । 513-341-6798
4 जुलाई 2012