Sunday, November 17, 2013

कह दो कि तुम हो मेरी वरना

कह दो कि तुम हो मेरी वरना
पापा खा जाएंगे मुझको कच्चा
कहते हैं क्रिश्चियन से ही शादी करना
ताकि पोता न हो इंग्लिश में कच्चा

देखो कभी न ऐसा करना
मैं हूँ मीरा, मीरा ही कहना
बच्चे के नाम से सांस है फूलती
न बाबा न पेट फूलाना

जितना मैं चाहूँ क्या तुम चाहती नहीं हो?
मीरा हो, मेरी बनो, क्यूँ ज़िद पे अड़ी हो?
बच्चे के नाम पे क्यूँ है लड़ना?
रख लेना जो भी नाम रखना

देखो मसखरी न मुझसे करना
मैं हूँ सीरियस ये ध्यान रखना

जो शख़्स पापा से डरता इतना
उससे न प्यार मुझको करना
इससे तो अच्छा मुझको भजना
मेरा तो गिरिधर मेरा तो किसना

अच्छा चलो मीरा, तुम मीरा ही रहना
पर एक वादा तुमको मुझसे है करना
तुम मेरी हो
मेरे सिवा किसी की नहीं
खाती हो क़सम?

(जावेद अख़्तर और हसरत जयपुरी से क्षमायाचना सहित)
17 नवम्बर 2013
सिएटल । 513-341-6798

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2 comments:

Anonymous said...

मीरा को मीरा ही रहने दो कोई नाम न दो ...

"मेरी' शब्द के दो अर्थ funny हैं - समझने में थोडा time लगा और गाना याद आया: "ओ Maria, Johnny जब बोला था तुझसे… "

Anonymous said...

कविता में दो गानों का combination बहुत देर से पहचाना - फ़िल्म "तेज़ाब" का गाना "कह दो कि तुम हो मेरी वरना" और फ़िल्म "आन बान" का गाना "तुम मेरी हो मेरे सिवा किसी कि नहीं खाती हो कसम"। दोनों गानो को आपने कविता में seamlessly पिरो दिया है। बढ़िया!