आजकल दूध पीने पर भी रोक है
कभी-कभी तो लगता है कि
ज़िंदगी ज़िंदगी नहीं एक 'जोक' है
कोई भी चैन से नहीं रहने देता है
एक जीवन और हज़ार झंझट
यह मत करो, वह मत करो
दूध मत पियो
तेल मत खाओ
और तो और अपना जन्मदिन भी नहीं मना सकते
मना लें तो 'केक' नहीं ला सकते
'केक' ले भी आए तो फोटो नहीं खींच सकते
फोटो खींच भी ले तो फ़ेसबुक पर शेयर नहीं कर सकते
वर्ना हज़ार ताने सुनने पड़ेंगे
आपके 'केक' की वजह से देखिए
गायों की क्या हालत हो गई है
ज़मीन तक थन लटक रहे हैं
डेरी वाले 24/7 मशीन से दूध चूस रहे हैं
और आप हैं के ऐश कर रहे हैं?
कोई शर्म-लाज भी है या नहीं?
एक जीवन और हज़ार झंझट
कोई सांस लेना सीखा रहा है
तो कोई जीवन जीना एक कला बता रहा है
कोई धर्म की आड़ में तो
कोई सेहत के नाम पर
देह के साथ खिलवाड़ कर रहा है
अरे भई
जो जैसे जीता है उसे जीने दो
जिसने उसे बनाया है
बहुत सोच-समझ के बनाया है
उसे जो कहना-करना था
वो सब का सब डी-एन-ए में लिखा जा चुका है
आप को उसे पुन: परिभाषित करने की कोई आवश्यकता नहीं है
धन्यवाद!
सिएटल । 513-341-6798
28 जुलाई 2014