कहाँ शुरू कहाँ खतम
दलीलें भी अजीब सी
न तुम समझ सके न हम
मंच के नूर हो गए
माईक के इतने पास हो
कि सबसे दूर हो गए
वादे भूल जाओगे
जब-जब बाज़ार जाएँगे
तुम हमको याद आओगे
Posted by Rahul Upadhyaya at 7:17 AM
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Labels: parodies, Shailendra
Posted by Rahul Upadhyaya at 9:59 PM
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Labels: festivals
Posted by Rahul Upadhyaya at 6:40 PM
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Labels: news
Posted by Rahul Upadhyaya at 9:20 PM
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कैसे हल करें? उदाहरण स्वरूप पुरानी पहेलियाँ और उनके हल देखें।
Posted by Rahul Upadhyaya at 7:34 AM
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Labels: riddles
Posted by Rahul Upadhyaya at 8:36 AM
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Labels: news
Posted by Rahul Upadhyaya at 5:32 PM
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Labels: news
Posted by Rahul Upadhyaya at 7:30 AM
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Labels: intense