Sunday, April 24, 2016

पानी पड़ जाए आँख में तो रोना आता है


पानी पड़ जाए आँख में तो रोना आता है
आँख है एक भगोना जिसे भिगोना आता है

हम जैसे ग़रीबों की हालत तो देखो
न नींद आती है, न सोना आता है

न डूबता है कोई, न डूबोता हूँ किसीको
पौन इंच की आँख में सिर्फ़ ख़्वाब बोना आता है

धरती है गोल और गोलाई भी ऐसी
कि हर किसी के हाथ कोना आता है

हम हैं अलग-थलग और अलग-थलग ही रहेंगे
बिरले ही हैं जिन्हें एक होना आता है

भगोना = बर्तन 
पौन = 3/4th

सिएटल | 425-445-0827

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


1 comments:

Anonymous said...

"आँख है एक भगोना जिसे भिगोना आता है" - बहुत सुंदर line है! आपने ठीक कहा कि इस छोटी सी आँख से दुनिया देखने के साथ-साथ और बहुत कुछ होता है - कभी सपने आते हैं, कभी आँसू, कभी नींद।
अंत की lines भी बहुत अच्छी लगीं:
"हम हैं अलग-थलग और अलग-थलग ही रहेंगे
बिरले ही हैं जिन्हें एक होना आता है"