Friday, May 31, 2024

मैं ख़ुशक़िस्मत हूँ

जब भी मैं शैम्पू करता हूँ 

पाउच से नहीं 

बोतल से

बहुत ख़ुशी होती है


ज़मीन से जुड़े होने का

यही फ़ायदा है

हर दिन ख़ुशियों से भरा होता है 


कभी लोटा लेकर 

खुले मैदान में जाता था

आज पाश्चात्य शैली के शौच में

गद्गद हो जाता हूँ 


गर्मी में जब करोड़ों झुलस रहे हैं 

मैं शिमला जैसी शीत बयार

सिएटल में पा कर

आनन्दित हो उठता हूँ 


मैं खुशकिस्मत हूँ कि

मैं गरीब पैदा हुआ 


राहुल उपाध्याय । 31 मई 2024 । सिएटल 


Saturday, May 18, 2024

इतवारी पहेली: 2024/05/19


इतवारी पहेली:


जितना नहीं निकाला # ## #

निकाल लिया तेल ### #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 26 मई 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 19 मई 2024 । सिएटल 



Re: इतवारी पहेली: 2024/05/12/2024



On Sun, May 12, 2024 at 8:12 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


अब क्या बताएँ क्या ### #

बचाने को अब कुछ ### # #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 19 मई 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 12 मई 2024 । सिएटल 



Wednesday, May 15, 2024

ये बात जाने कब की है

न आज की, न कल की है 

ये बात जाने कब की है

जब तुम न थी, मैं न था

जो भी था, बेनाम था

न इश्क़ था, न रश्क था

न आब था, न खुश्क था

धुआँ-धुँआ सा ख़्वाब था


कहाँ से आ गए ये तत्व 

कहाँ से पा गए महत्व

ये ज़िन्दगी, ये मौत क्या

ये जन्म क्या, ये जात क्या

ये सुब्ह क्या, ये रात क्या

ये हाथ क्या, ये साथ क्या

ये जीत क्या, ये मात क्या

ये हुस्न क्या, ये घात क्या

ये प्रश्न क्या, ये बात क्या


राहुल उपाध्याय । 15 मई 2024 । सिएटल 



Sunday, May 12, 2024

इतवारी पहेली: 2024/05/12/2024


इतवारी पहेली:


अब क्या बताएँ क्या ### #

बचाने को अब कुछ ### # #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 19 मई 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 12 मई 2024 । सिएटल 



Re: इतवारी पहेली: 2024/05/05



On Sun, May 5, 2024 at 12:41 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


डॉक्टर की कैसी ### #?

लिखा 'सी' है कि ## '#' #?


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 12 मई 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 5 मई 2024 । सिएटल 



Thursday, May 9, 2024

आ गए आज तेरी महफ़िल में

आ गए आज तेरी महफ़िल में 

तुझको पाने की चाह रखते हैं 

पहले कुछ और थे मगर अब तो

चलते-फिरते मज़ार लगते हैं 


तुझको देखा तो ये नज़र आया

ज़िन्दगी धूप और तू साया

अपनी बाँहों में आ हमें ले ले

तुझको हम बार-बार कहते हैं 


मिल गई हों जिसे सभी ख़ुशियाँ 

उसने देखी नहीं अभी दुनिया 

सारे सुख बुलबुला-ए-पानी हैं

एक गम ही तो साथ चलते हैं 


चल दिए हैं सभी जो थे प्यारे

कई थे दीप, तो कई तारे

आतीं-जातीं रही हैं तक़दीरें 

अब तेरे हाथ हाथ धरते हैं


कल तलक थे कहाँ हसीं मंजर

हम थे घायल, ताकते खंजर 

इक उम्मीद आज जागी है

तुझपे हम जाँ निसार करते हैं


राहुल उपाध्याय । 9 मई 2024 । सिएटल 

Wednesday, May 8, 2024

मोदी जीतेंगे

मोदी जीतेंगे, फिर से आएँगे 

कोई पछताए तो पछताए

सेहरा बंधेगा, सरकार बनेगी

कोई रूठता है तो रूठ जाए


मैंने माना हुआ ये तिबारा 

नहीं कोई टक्कर का

मैं कहाँ से लाऊँ उस मतवाले को

जाँ भी हारे तो, डर न भागें जो 

फिर से बनते हैं तो बन जाएँ


बोले कंगना किसी का हो सपना

गलेगी दाल नहीं 

लाख लुटा दे ये विपक्ष 

जनता कहती है 

हम न मानेंगे, मोदी लाएँगे

कोई कुढ़ता है तो कुढ़ जाए


उसने सबकी इबादत की है 

वो शिव हो या कृष्णा 

हो कोई भक्त ऐसा

ईश्वर उसकी मानेंगे 

फिर से लाएँगे, उसे बनाएँगे 

कोई जलता है तो जल जाए


फिर से संसद वो ले के बहुमत 

जिस दिन आएँगे 

मैं कहाँ बैठूँगा, मैं तो गाऊँगा 

मैं तो नाचूँगा, मैं तो झूमूँगा 

काम रूकता है तो रूक जाए


राहुल उपाध्याय । 8 मई 2024 । सिएटल 


Sunday, May 5, 2024

इतवारी पहेली: 2024/05/05


इतवारी पहेली:


डॉक्टर की कैसी ### #?

लिखा 'सी' है कि ## '#' #?


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 12 मई 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 5 मई 2024 । सिएटल 



Re: इतवारी पहेली: 2024/04/27



On Sun, Apr 28, 2024 at 12:49 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


पी-के ने पी के कहाँ #-## #

मेरी ज़िन्दगी है तुम्हारे %## #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 5 मई 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 28 अप्रैल 2024 । सिएटल