नदी के पार
इंसान जाता रहा है
तब भी जब पुल नहीं थे
तब भी जब नाव नहीं थी
तैरना सीख लिया होगा
खुद ही पार चला जाता होगा
कभी एक-दो यार दोस्त भी साथ चले जाते होंगे
लेकिन
माँ नहीं
बहन नहीं
बेटी नहीं
पत्नी नहीं
क्योंकि तब स्विमिंग कॉस्ट्यूम
नहीं थे
आज हैं
पर शर्म आती है
उन्हें पहनते हुए
हमें देखते हुए
राहुल उपाध्याय । 23 जून 2025 । सिएटल
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