Monday, June 23, 2025

नदी के पार

नदी के पार

इंसान जाता रहा है

तब भी जब पुल नहीं थे

तब भी जब नाव नहीं थी


तैरना सीख लिया होगा 

खुद ही पार चला जाता होगा

कभी एक-दो यार दोस्त भी साथ चले जाते होंगे 

लेकिन 

माँ नहीं 

बहन नहीं 

बेटी नहीं 

पत्नी नहीं 


क्योंकि तब स्विमिंग कॉस्ट्यूम 

नहीं थे


आज हैं

पर शर्म आती है 

उन्हें पहनते हुए 

हमें देखते हुए 


राहुल उपाध्याय । 23 जून 2025 । सिएटल 

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