२४ साल से जी रहे थे
मन अपना मार के
इसी आस में जीते थे
हर एक मैच हार के
फिर जीत के कप लाएंगे
दुश्मन को संहार के
आज समाप्त हुए है
सारे दिन इन्तज़ार के
युवराज गंभीर विजयी हुए
चौके छक्के मार के
२४ घन्टे में दिन बदलते है
२४ साल में भाग्य है बदला
पाकिस्तान इंग्लैन्ड आदि से
लिया खूब जम के बदला
बदली सब की कमेंट्री
बदली सब की टिप्पणियां
बदली छप्पर फाड़ के बरसी
मिली सब को गाड़ीया
मिला करोड़ युवराज को
तो मिसबाह को मिली कोड़ीयां
एक विडम्बना सामने आयी
प्रशंसको के व्यवहार से
जीत के आयी हुई टीम का
स्वागत हो रहा है हार से
Sunday, September 30, 2007
क्रिकेट विजय
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