Friday, March 19, 2010

पिता और देवता

कैसा है ये भारत प्यारे
कैसे इसके पुत्तर
जो पिता और देवता में
करे फ़र्क भयंकर
एक की मूर्ति बाहर रखे
एक की मूर्ति अंदर

कैसा है ये भारत प्यारे
कैसे भारतवासी
पिता-देवता रहे अलग
जबकि वे सहवासी
पिता-देवता दोनों देखो
दोनों स्वर्गवासी

कैसा है ये भारत प्यारे
कैसे इसके बंदे
जो गदाधारी-धनुषधारी
उनको करे सजदे
जो सूत काते, सत्य बोलें
उनसे रहे बच के

कैसा है ये भारत प्यारे
कैसी इसकी दुनिया
एक के सर पे दूध चढ़े
एक के सर पे चिड़िया
एक का लोग श्रृंगार करे
एक का बिगड़े हुलिया

कैसा है ये भारत प्यारे
कैसा ये कैरेक्टर
जीवन जिसने किया अर्पण
कहे वो दलिद्दर
देखा नहीं जिसे उसके
जपे रोज़ मंतर

सिएटल । 425-445-0827
19 मार्च 2010
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कैरेक्टर = character
दलिद्दर = बिलकुल गया-बीता और बहुत ही निम्न कोटि का। परम निकृष्ट

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