पिछले वर्ष की तरह इस बार भी हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर प्रस्तुत है एक नई पहेली:
ये न हो तो चूल्हा जले ना
ये न हो तो दिया बुझे ना
ज़ुबाँ नहीं है, न कान है हाए
फिर भी हम इससे बातें करते जाए
सब कहते हैं ये यहीं कहीं है
लेकिन देखा किसी ने कभी नहीं है
ये ऐसी एक पहेली यारो
जो बदहवास करे, पर बकवास नहीं है
कैसे हल करें? उदाहरण स्वरूप पुरानी पहेलियाँ और उनके हल देखें।
Tuesday, September 14, 2010
पहेली 35
Posted by Rahul Upadhyaya at 11:41 AM
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Labels: riddles
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3 comments:
सही जवाब है हवा !!!!
hava :)
koi inam bhi hai kya?
:)
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