ये भी है मीडियम
वे भी हैं मीडियम
फ़र्क सिर्फ़ इतना है
कि वे गुरू हैं
और ये शर्ट है
पहले मैं शर्ट स्माल साईज़ ही पहना करता था
लेकिन जैसे-जैसे पेट मोटा होता गया
शर्ट शार्ट होने लगी
शार्ट्स से याद आया
जब मैंने आठवीं कक्षा पास की थी
तब ही प्रण कर लिया था कि
आज के बाद कभी शार्ट्स नहीं पहनूँगा
लेकिन शार्ट्स की बात तो दूर
आज भी
अड़तालीस वर्ष की उम्र में
मैं पीठ पर बस्ता लटकाए
सुबह-शाम बस में सफ़र करता हूँ
जबकि सोचा तो ये था कि
नौकरी मिलने के बाद
मैं
स्कूटर
मोटर-साईकल
या कार से ही दफ़्तर जाया करूँगा
ये न थी हमारी किस्मत कि सपने साकार होते
अगर और जीते रहते यूँहीं जार-जार रोते
सिएटल । 513-341-6798
3 सितम्बर 2010
वे भी हैं मीडियम
फ़र्क सिर्फ़ इतना है
कि वे गुरू हैं
और ये शर्ट है
पहले मैं शर्ट स्माल साईज़ ही पहना करता था
लेकिन जैसे-जैसे पेट मोटा होता गया
शर्ट शार्ट होने लगी
शार्ट्स से याद आया
जब मैंने आठवीं कक्षा पास की थी
तब ही प्रण कर लिया था कि
आज के बाद कभी शार्ट्स नहीं पहनूँगा
लेकिन शार्ट्स की बात तो दूर
आज भी
अड़तालीस वर्ष की उम्र में
मैं पीठ पर बस्ता लटकाए
सुबह-शाम बस में सफ़र करता हूँ
जबकि सोचा तो ये था कि
नौकरी मिलने के बाद
मैं
स्कूटर
मोटर-साईकल
या कार से ही दफ़्तर जाया करूँगा
ये न थी हमारी किस्मत कि सपने साकार होते
अगर और जीते रहते यूँहीं जार-जार रोते
सिएटल । 513-341-6798
3 सितम्बर 2010
1 comments:
स्कूटर
मोटर-साईकल
या कार से ही दफ़्तर जाया करूँगा
to car le leejiye na, udhar to sasti mil jaati hai, India ke mukaable :)
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