कविता लिखूँ किसी की वॉल पे
कि फूल भेजूँ उसके पास मैं
क्या करूँ, क्या न करूँ
सोचता रहा इस बार मैं
ख़त लिखूँ एक कोरा सा
या मिस्ड कॉल करूँ दस बार मैं
क्या करूँ, क्या न करूँ
सोचता रहा इस बार मैं
'लाईक' करूँ उसके फोटो को
या कमेंट लिखूँ कोई खास मैं
क्या करूँ, क्या न करूँ
सोचता रहा इस बार मैं
दिल ढला और रात हुई
कर न सका कोई काम मैं
क्या करूँ, क्या न करूँ
सोचता रहा इस बार मैं
'गर गले लगूँ और वो गले पड़े
तो क्या बच पाऊँगा इस बार मैं
क्या करूँ, क्या न करूँ
सोचता रहा इस बार मैं
सिएटल, 18 फ़रवरी 2012
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वॉल = wall
मिस्ड कॉल = missed call
'लाईक' = like
कमेंट = comment
Saturday, February 18, 2012
क्या करूँ, क्या न करूँ
Posted by Rahul Upadhyaya at 9:01 AM
आपका क्या कहना है??
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Labels: relationship
Friday, February 10, 2012
रामनी में राम नहीं
रामनी में राम नहीं
सेंटोरम भी संत नहीं
कितने आए, कितने गए
आता एक पसंद नहीं
न्यूट और पॉल का
हुआ बुरा हाल है
इनकी किसी बात में
दिखता हमें दम नहीं
ओबामा की सीट पे
बैठेंगे ओबामा
इनकी हुकूमत का
दिखता हमें अंत नहीं
आपकी आप जाने
हमने तो ये तय किया
पार्टी चाहे कोई जीते
पड़ना कुछ फ़र्क़ नहीं
एक ही थैली के
चट्टे-बट्टे हैं सभी
लड़ना है सो लड़ते हैं
वरना कोई द्वंद नहीं
सिएटल । 513-341-6798
10 फ़रवरी 2012
Posted by Rahul Upadhyaya at 9:22 AM
आपका क्या कहना है??
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Labels: news, US Elections
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