रामनी में राम नहीं
सेंटोरम भी संत नहीं
कितने आए, कितने गए
आता एक पसंद नहीं
न्यूट और पॉल का
हुआ बुरा हाल है
इनकी किसी बात में
दिखता हमें दम नहीं
ओबामा की सीट पे
बैठेंगे ओबामा
इनकी हुकूमत का
दिखता हमें अंत नहीं
आपकी आप जाने
हमने तो ये तय किया
पार्टी चाहे कोई जीते
पड़ना कुछ फ़र्क़ नहीं
एक ही थैली के
चट्टे-बट्टे हैं सभी
लड़ना है सो लड़ते हैं
वरना कोई द्वंद नहीं
सिएटल । 513-341-6798
10 फ़रवरी 2012
Friday, February 10, 2012
रामनी में राम नहीं
Posted by Rahul Upadhyaya at 9:22 AM
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Labels: news, US Elections
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1 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति, बधाई.
कृपया मेरे ब्लॉग meri kavitayen की नवीनतम पोस्ट पर भी पधारें, अपनी राय दें.
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