बड़े दिनों से
हम
एक दूसरे को
ई-मेल्स लिख रहे हैं
और एक-दूसरे को
जानने-पहचानने
समझने-बूझने
और
रूठने-मनाने
लगे हैं
तुम्हारी
स्माईलिस,
खास ईमोटिकॉन्स,
एक्सक्लेमेशन्स,
और एक्स्ट्रा डॉट्स
इन सबसे तुम्हारा
प्यार छलकता है
एक छवि उभरती है
लेकिन
मैं चाहता हूँ
कि तुम मुझे एक ख़त लिखो
वही पुराने ज़माने वाला
कलम और कागज़ वाला
मैं जानना चाहता हूँ
कि तुम्हारे हाथों की लिखावट कैसी होगी?
कहते हैं कि हैण्डराईटिंग से
व्यक्ति का व्यक्तित्व भी छलकता है
मैं भी तो देखूँ
कि तुम्हारी पर्सनालिटी कैसी है?
(और एक बात और
जो मैंने उसे बताई नहीं
कि
सुना है
कि लड़कियाँ अक्सर ऐसे ख़तों में
दिल, तीर, तितलियाँ, फूल, सितारें आदि
बनाती हैं
मैं देखना चाहता था कि
वो मेरे लिये क्या बनाएगी?
क्या सब एक ही रंग की स्याही में लिखेगी?
या कुछ लाल होगा, कुछ हरा, कुछ नीला?
क्या कुछ हाशिए में भी लिखेगी?
हिंदी में लिखेगी? कि अंग्रेज़ी में?)
दो दिन बाद ख़त आया
दिल की धड़्कन थाम के
मैंने सब से आँख बचाकर उसे खोला
और पाया एक पन्ना
बिल्कुल कोरा
और फिर
एक और पन्ना
जिस पर बहुत ही खूबसूरत हैण्डराईटिंग में लिखा था
देख ली मेरी हैण्डराईटिंग?
मेरे हाथ नहीं है
जो तुम पढ़ रहे हो
वो लिखावट मेरे पैर की है
अंगूठों में कलम दबा कर
लिखती हूँ मैं
कैसी लगी?
हाँ और ये भी बताना कि मेरी पर्सनालिटी कैसी है
6 अगस्त 2013
दिल्ली । 88004-20323
हम
एक दूसरे को
ई-मेल्स लिख रहे हैं
और एक-दूसरे को
जानने-पहचानने
समझने-बूझने
और
रूठने-मनाने
लगे हैं
तुम्हारी
स्माईलिस,
खास ईमोटिकॉन्स,
एक्सक्लेमेशन्स,
और एक्स्ट्रा डॉट्स
इन सबसे तुम्हारा
प्यार छलकता है
एक छवि उभरती है
लेकिन
मैं चाहता हूँ
कि तुम मुझे एक ख़त लिखो
वही पुराने ज़माने वाला
कलम और कागज़ वाला
मैं जानना चाहता हूँ
कि तुम्हारे हाथों की लिखावट कैसी होगी?
कहते हैं कि हैण्डराईटिंग से
व्यक्ति का व्यक्तित्व भी छलकता है
मैं भी तो देखूँ
कि तुम्हारी पर्सनालिटी कैसी है?
(और एक बात और
जो मैंने उसे बताई नहीं
कि
सुना है
कि लड़कियाँ अक्सर ऐसे ख़तों में
दिल, तीर, तितलियाँ, फूल, सितारें आदि
बनाती हैं
मैं देखना चाहता था कि
वो मेरे लिये क्या बनाएगी?
क्या सब एक ही रंग की स्याही में लिखेगी?
या कुछ लाल होगा, कुछ हरा, कुछ नीला?
क्या कुछ हाशिए में भी लिखेगी?
हिंदी में लिखेगी? कि अंग्रेज़ी में?)
दो दिन बाद ख़त आया
दिल की धड़्कन थाम के
मैंने सब से आँख बचाकर उसे खोला
और पाया एक पन्ना
बिल्कुल कोरा
और फिर
एक और पन्ना
जिस पर बहुत ही खूबसूरत हैण्डराईटिंग में लिखा था
देख ली मेरी हैण्डराईटिंग?
मेरे हाथ नहीं है
जो तुम पढ़ रहे हो
वो लिखावट मेरे पैर की है
अंगूठों में कलम दबा कर
लिखती हूँ मैं
कैसी लगी?
हाँ और ये भी बताना कि मेरी पर्सनालिटी कैसी है
6 अगस्त 2013
दिल्ली । 88004-20323
4 comments:
दिल को छू गयी यह कविता, राहुलजी! Very, very nice!!!
दो "very" कम हैं - very, very, very... Infinte times nice!!!! :)
सच, बहुत ही खूबसूरत हैण्डराईटिंग रही होगी...
पर्सनालिटी और दिल तो खूबसूरत होंगे ही!
एक कहानी कहती सी कविता!
हृदयस्पर्शी एवं विलक्षण!
आह.................
दिल को छू गयी .........
सादर
अनु
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