Thursday, August 28, 2014

फ़ेसबुक की अपडेट्स

कभी ग़म होता है
तो कभी खुशी होती है
फ़ेसबुक की अपडेट्स
कुछ ऐसी होती हैं
 
वो
जो चहकती थी
महकती थी
बात-बात पे
पोस्ट करती थी
कभी पिकनिक के
कभी राखी के
तो कभी होली के फोटो
पोस्ट करती थी
हर किसी की पोस्ट पे
कमेंट देती थी
हज़ारों फोटो लाईक करती थी
- जब से हाथ पीले हुए हैं
चुप है
 
कभी-कभार एकाध फोटो
पोस्ट कर देती है
जिसमें वो उस नवयुवक के साथ
खड़ी होती है
और एक मुस्कान दे रही होती है
 
रह-रह कर वो गाना याद आता है
- तुम इतना जो मुस्करा रहे हो
क्या ग़म है जो छुपा रहे हो
 
====
 
कभी ग़म होता है
तो कभी खुशी होती है
फ़ेसबुक की अपडेट्स
कुछ ऐसी होती हैं
 
कभी जन्म तो कभी शादी
तो कभी मरण की ख़बर होती है
 
एक ही दिन में
एक ही क्षण में
दो अलग-अलग तरह की खबरें
अब कोई करे भी तो क्या करे
शोक जताए या उल्लास दिखाए?
 
और देखते ही देखते
हम रोबॉट बन जाते हैं
ख़ुद-ब-ख़ुद की-बोर्ड पर अँगूठा थिरकने लगता है
शोक-सम्वेदनाएँ-उल्लास के संदेश निकलने लगते हैं
और एल-सी-डी स्क्रीन की रोशनी के गुल होते ही
अपनी दिनचर्या में खो जाते हैं
 
पहले जब फोन आते थे
या चिट्ठियाँ आती थी
रोज़ के रोज़ इतनी ख़बरें नहीं आती थी
और
फोन करने वाला जानता था कि
माहौल कैसा है
कब कैसी ख़बर देनी चाहिए
तो ऐसी दुविधाएँ नहीं होती थी
 
हम
एक दूसरे को
जानते-समझते थे
 
अब
449 दोस्त हैं
लेकिन नाम के
 
कईयों के बारे में तो यह भी नहीं पता कि
वे कौन हैं
कहाँ रहते हैं
क्या करते हैं
और हम उनसे आखिर जुड़ें तो कैसे जुड़ें?
 
26 अगस्त 2014
सिएटल । 513-341-6798

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2 comments:

Anonymous said...

कविता की पहली चार lines बहुत कुछ कहती हैं और आगे की कविता के लिए एक अच्छी foundation हैं:

"कभी ग़म होता है
तो कभी खुशी होती है
फ़ेसबुक की अपडेट्स
कुछ ऐसी होती हैं"

जब भी कोई happy person चुप सा हो जाए तो यह सोचना natural है कि उसे कोई ग़म है। मगर शादी के बाद जो ख़ुशी "उस नवयुवक" के साथ है वो Facebook के दोस्तों के साथ कहाँ? इसी लिए updates कम हो जाती है। आपने सवाल पूछने के लिए गाना बहुत अच्छा चुना-
"तुम इतना जो मुस्करा रहे हो
क्या ग़म है जो छुपा रहे हो"

आपकी बात सही है कि Facebook एक अखबार की तरह है जहाँ सुख-दुःख-शोक की खबरें एक साथ मिलती हैं और हम पढ़ते हुए, comment देते हुए, scroll करते जाते हैं, Facebook ने सब लोगों तक एक साथ खबर पहुंचाना, एक दुसरे की ज़िन्दगी की कुछ जानकारी रखना बहुत आसान कर दिया है, मगर दिल के रिश्ते तो आज भी मिलने से, बात करने से, या लम्बे खत में दिल का हाल लिख देने से ही बनते हैं। जो दिल को समझते हैं वो face को ही book की तरह पढ़कर सारी खबर जान लेते हैं! :)

Anonymous said...

Facebook... कैसी है पहेली हाय
कभी तो हँसाए कभी यह रुलाए :(