Friday, January 30, 2015
गंदी और गंदी
Posted by Rahul Upadhyaya at 7:59 PM
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Labels: Anand Bakshi, parodies
Wednesday, January 28, 2015
घर आया मेरे परदेसी
Posted by Rahul Upadhyaya at 5:20 AM
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Labels: Hasrat Jaipuri, parodies
Saturday, January 24, 2015
आएगा, आएगा, आएगा, आएगा
Posted by Rahul Upadhyaya at 10:16 AM
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Labels: Obama modi news
Thursday, January 22, 2015
घर से भागे अभागे हैं हम
Posted by Rahul Upadhyaya at 6:00 PM
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Labels: nri
Thursday, January 15, 2015
मेरी हेयर स्टाईल
जब बाबूजी गुज़र गए
तो मैंने सोचा
कुछ ऐसा करूँ
कि उनकी याद बनी रहे
उनके जूते पहनने चाहे
और पहने भी
लेकिन
थोड़े ही दिनों में
वे फट गए
कुछ कुर्ते भी पहने
लेकिन वे भी
डील-डोल या
मौसम की नज़ाकत के कारण
उतर गए
फिर सोचा
जो थोड़े बहुत बाल बचे हैं
उन्हें ही
उनके जैसा काढ़ लूँ
बिना मांग के
सारे बाल पीछे कर लिये
इसी बहाने उन्हें
दिन में दो-चार बार
याद कर लेता हूँ
वरना
अब तो चार तारीख भी आती है
तो ऐसे जैसे कि कोई और ही तारीख हो
न कोई पूजा-पाठ
न कोई दान-पुण्य
गाहे-बगाहे
उनके साथ खींची तस्वीरे ज़रूर देख लेता हूँ
तस्वीरों को देख के लगता है
जैसे वो कहीं गए ही नहीं
क्यूँ?
क्योंकि
जब वे थे तब भी नहीं थे
मेरी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा नहीं थे
- बच्चों का स्कूल
- मेरा दफ़्तर
- नाम के तीज-त्योहार
- कुछ छोटी-मोटी गोष्ठियाँ
इन सबमें
उनकी कोई भूमिका नहीं थी
जब थे तब नहीं थे
आज न हो कर भी हैं
मेरी हेयर स्टाईल में
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भागते-दौड़ते एन-आर-आई को
देख कबीरा रोय
दो पाटन के बीच में
साबुत बचा न कोय
15 जनवरी 2015
सिएटल । 513-341-6798
Posted by Rahul Upadhyaya at 10:27 PM
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Labels: intense
Wednesday, January 7, 2015
सिर्फ़ लफ़्फ़ाज़ी पर यक़ीं न करें
Posted by Rahul Upadhyaya at 5:28 AM
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Labels: greetings
Thursday, January 1, 2015
नव-वर्ष का शुभारम्भ
यह नव-वर्ष का कैसा शुभारम्भ है?
Posted by Rahul Upadhyaya at 9:54 AM
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Labels: festivals