Saturday, July 28, 2018

वार ने मुझको मारा

रविवार को पड़ी ऐसी शनि की छाया
कि सोमवार को रवि से तप गया माथा

मंगलवार को सोमरस पीकर
बुधवार तक आनन्द-मंगल छाया

गुरूवार को सुध-बुध आई कि
शुक्रवार को है गुरू पूर्णिमा 

नाम-धाम का गोरख धंधा
मैं कभी समझ पाया
सातों दिन किसी किसी के
वार ने मुझको मारा

(गुरू पूर्णिमा, 2018)

Sunday, July 8, 2018

एक अरसा हुआ मैं रोया नहीं

एक अरसा हुआ मैं रोया नहीं 
खोने को था जो खिलौना नहीं 

एक भी रात नहीं जब मैं सोया नहीं 
खोने को था कोई सोना नहीं 

एक भी सुबह नहीं जब मैं जागा नहीं 
सपना सुहाना कोई ढोया नहीं 

मस्त हूँ, स्वस्थ हूँ, तटस्थ हूँ
टूटे सम्बन्धों को कभी जोड़ा नहीं 

सैलानी हूँ, और रहूँगा वही
कब चल दूँ कोई भरोसा नहीं 

8 जुलाई 2018
सिएटल