Sunday, July 8, 2018

एक अरसा हुआ मैं रोया नहीं

एक अरसा हुआ मैं रोया नहीं 
खोने को था जो खिलौना नहीं 

एक भी रात नहीं जब मैं सोया नहीं 
खोने को था कोई सोना नहीं 

एक भी सुबह नहीं जब मैं जागा नहीं 
सपना सुहाना कोई ढोया नहीं 

मस्त हूँ, स्वस्थ हूँ, तटस्थ हूँ
टूटे सम्बन्धों को कभी जोड़ा नहीं 

सैलानी हूँ, और रहूँगा वही
कब चल दूँ कोई भरोसा नहीं 

8 जुलाई 2018
सिएटल 

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