रविवार को पड़ी ऐसी शनि की छाया
कि सोमवार को रवि से तप गया माथा
मंगलवार को सोमरस पीकर
बुधवार तक आनन्द-मंगल छाया
गुरूवार को सुध-बुध आई कि
शुक्रवार को है गुरू पूर्णिमा
नाम-धाम का गोरख धंधा
मैं कभी समझ न पाया
सातों दिन किसी न किसी के
वार ने मुझको मारा
(गुरू पूर्णिमा, 2018)
1 comments:
बहुत खूब
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