Friday, September 27, 2019

रोए यूँ पागल एन-आर-आई

चुभ जाती हैं ये हवाएँ
गड़गड़ाता है गगन
हो रही है जम के जग हँसाई
ज़ूबी डूबी परमपम
ज़ूबी डूबीज़ूबी डूबी परमपम
ज़ूबी डूबीज़ूबी डूबी परमपम
रोए यूँ पागल एन-आर-आई

शाख़ों से पत्ते गिर रहे हैं
फलों पे कीड़े लग रहे
सड़कों पे फिसलन हो रही है
ये पंछी चीख़ रहे
बगिया में दो बूढ़ों की 
हो रही है गुफ़्तगू 
जैसा बचपन में रोता था
रो रहा है हुबहू 

रिमझिम रिमझिम रिमझिम
सन सन सन सन हवा
टिप टिप टिप टिप बूँदे 
गुर्राती बिजलियाँ 
भीगा-भागा बैकपैक 
ढो के यूँ बस पकड़ता तू
जैसा बचपन में ढोता था 
ढो रहा है हुबहू 

आय-आय-टी का पास तू 
यहाँ बर्तन धो रहा
कच्चे-पक्के दाल-चावल 
खा के पेट भर रहा
हैं रातें अकेली तन्हा
सो रहा है हाथ में रिमोट ले तू
जैसा बचपन में सोता था
सो रहा है हुबहू 

(शान्तनु मोयत्रा से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय  27 सितम्बर 2019  सिएटल

Monday, September 16, 2019

ख़ला जो ख़ालिद है

ख़ला जो ख़ालिद है
ख़ला जो वालिद है
उसी में जीवन
ढूँढने की ज़िद है

चाँद चूमना
तो फ़क़त एक बहाना है
चाँद से भी दूर
दूर तलक जाना है

सोम से मंगल
मंगल से बुध
बुध से गुरू
गुरू से शुक्र-शनि
रवि पर भी जाना है
रवि पर भी रूककर
आराम कहाँ फ़रमाना है

किसी एक के 
गुरुत्वाकर्षण में 
किसी एक के
आगेश में
ठहरे वो 
जो सयाना है

अपना क्या?
 कोई अपना
 कोई बेगाना है
आज यहाँ तो 
कल कहीं जाना है
जीवन जीने का 
तरीक़ा यही जाना है

(अमेरिका में पदार्पण की 33वीं वर्षगाँठ पर)
राहुल उपाध्याय  15 सितम्बर 2019  सिएटल
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ख़ला = शून्यअन्तरिक्ष 
ख़ालिद = अनश्वरअमर
वालिद = पिता

Friday, September 13, 2019

मिलन की रात

मेरा नाम प्रज्ञान है
मैं कोई बुद्धू थोड़े ही हूँ
जो मिलन की रात भी 
फ़ोन उठाऊँ 
बात करूँ 
आँखों देखा हाल सुनाऊँ 
लाईव फ़ीड भेजूँ

राहुल उपाध्याय  13 सितम्बर 2019  सिएटल

Saturday, September 7, 2019

बिल्ली ने काट लिया होगा किसी का रास्ता

बिल्ली ने काट लिया होगा किसी का रास्ता
अण्डे का कर लिया होगा किसी ने नाश्ता
ऐन मौक़े पर  गई होगी किसी को छींक
रोक दिया होगा किसी ने संदेश जो होना चाहिए था ग्यारह को फ़ॉरवर्ड 
सवा-रूपये-नारियल का वादा करके कोई गया होगा भूल
सत्यनारायण की पूजा से कोई उठ गया होगा बिना लिए प्रसाद
एकादशी को किसी ने खा लिया होगा अन्न

करोड़ों की तादाद में कुछ तो होंगे ऐसे
जिन्होंने किए होंगे अपशकुन ऐसे-वैसे
जिससे
श्रावण सोमवार को चले को
लग गई शनि की दशा
और हो गया दिशा भ्रम

राहुल उपाध्याय  7 सितम्बर 2019  सिएटल