Thursday, December 19, 2019

मैं कुछ कहना चाहता हूँ

मैं कुछ कहना चाहता हूँ
लेकिन कहता नहीं 

मैं कुछ लिखना चाहता हूँ
लेकिन लिखता नहीं 

मैं कुछ भेजना चाहता हूँ
लेकिन भेजता नहीं 

मैं ग़ुलाम हूँ अपने भविष्य का

—:—:—:—:—:—:—:—:

मैं किंकर्तव्यविमूढ़ हूँ

विमान भी है
रोका भी किसी ने नहीं 
धन भी है

करने में फिर भी असमर्थ हूँ
रह जाता हूँ मन मसोस कर
नाक-कान-आँख बंद कर

चादर सर तक ओढ़ कर
हर अख़बार से मुँह मोड़कर
ताले में स्वाभिमान रखकर

हूँ लेकिन नहीं भी

राहुल उपाध्याय  19 दिसम्बर 2019  सिएटल

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: