Saturday, January 20, 2024

नफ़रत की दुनिया में देख ले

नफ़रत की दुनिया में देख ले

क्या-क्या होता है

बढ़ रहा अहंकार 

अलगाव के बीज बो-बो के

कर रही नित ड्रामे

हज़ारों हज़ार 


बस ख़त्म है भक्ति 

सेवा भाव भी सारे 

बस बिक रहे तेरे

नाम के जयकारे 

देश का विकास नहीं 

कर रही देश का बँटाढार

आज की सरकार 


किस काम के दिये

पेय जल नहीं जो आज

अस्पताल नहीं कोई 

जहां हो रहा इलाज 

रोज़गार-शिक्षा पे नहीं

है कोई ठोस सोच-विचार 

मिटता नहीं अंधकार 


राहुल उपाध्याय । 20 जनवरी 2024 । सिएटल 



इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: