Sunday, January 21, 2024

यह देश का नाश है

यह देश का नाश है

जीडीपी का ह्वास है

बैंक सारी बंद हैं

स्कूलों में अवकाश है


ज़बरदस्ती का राज है 

जिनके सर पे ताज है

कर रहे नुक़सान और

आती न उन्हें लाज है


कहीं कोई हड़ताल करे

कहीं कोई करताल बजे

नतीजा बस एक ही 

काम सारे बंद मिले


रामभरोसे देश चला

रामभरोसे चल रहा

सोच विचार कर के

कहाँ आगे बढ़ रहा


राहुल उपाध्याय । 21 जनवरी 2024 । सिएटल 



इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: