Sunday, February 14, 2010

कहीं एक मासूम नाज़ुक सी लड़की

कहीं एक मासूम नाज़ुक सी लड़की
बहुत खूबसूरत मगर सांवली सी

चलो चेक करूँ ई-मेल आती ही होगी
कह कह के लॉगिन करती तो होगी
कोई कॉल शायद मिस हो गया हो
सेल फोन बार बार देखती तो होगी
और फिर फोन की घंटी बजते ही वो
उसी फोन से डर डर जाती तो होगी

चलो पिंग करूँ जी में आता तो होगा
मगर उंगलियां कँप-कँपाती तो होंगी
माऊस हाथ से छूट जाता तो होगा
उमंगें माऊस फिर उठाती तो होंगी
मेरे नाम खास ईमोटिकॉन सोचकर
वो दांतों में उँगली दबाती तो होगी

चलो सर्च करुँ जी में आता तो होगा
कभी याहू तो कभी गुगल पर
मेरा नाम बदल बदल कर
मुझे बार बार ढूंढती तो होगी

मेरे ब्लॉग पर ख़ुद को कविता में पाकर
बदन धीमे धीमे सुलगता तो होगा
लिखूँ टिप्पणी जी में आता तो होगा
कीबोर्ड पे उंगली थरथराती तो होगी
कई बार मन की उमंगो को लिख कर
वो ’कैन्सल’ बटन फ़िर दबाती तो होगी

सिएटल
(
कमाल अमरोही से क्षमायाचना सहित)
(अंतिम अंतरे के लिये मैं
अनूप जी का आभारी हूँ.)
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चेक = check; ई-मेल = email; लॉगिन = login
कॉल = call; मिस = miss; सेल फोन = cell phone
पिंग = ping; माऊस = mouse; ईमोटिकॉन =
emoticon
सर्च = search; याहू = Yahoo; गुगल = Google
ब्लॉग = blog; कीबोर्ड = keyboard; कैन्सल’ = cancel

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1 comments:

Dinesh Arya said...

bahut khoob! Rahul Ji.