Friday, March 26, 2010

बिल तो है बिल

बिल तो है बिल
बिल का विश्वास, क्या कीजै
हो गया जो
जैसे तैसे पास, क्या कीजै

महीनों से सुनते आए,
पास जो बिल हो जाए
दुखड़े हमारे दिल के
दूर भगा ले जाए
बिल में है क्या-क्या कोई
मुझको बता ना पाए
जल्दी में है हर कोई
जल्दी में सब निपटाए
कुछ न कहे ये,
चुप ही रहे ये,
सब के सब हैरान
हड़बड़ी ने किया विनाश, क्या कीजै

बेकारी, बेरोज़गारी
बढ़ती है, बढ़ती जाए
घर से बेघर हो कर के
लाखों सड़क पे आए
दर्द मगर इन लोगों का
इनसे न देखा जाए
बिल कैसे पास होगा
चिंता यही थी हाए
कुछ न करे ये,
खुद में रहे ये,
जग से ये अनजान
हो गया हूँ मैं उदास, क्या कीजै…

सिएटल । 425-445-0827
26 मार्च 2010
(
अनजान से क्षमायाचना सहित)

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1 comments:

Udan Tashtari said...

हा हा!! आपने याद दिला दिया..आज वीसा का बिल भरना है. :)

मस्त!