विकीलीक्स की लीक में क्या है बात नवीन?
नेता-राजदूत आपके थे पहले से प्रवीण
थे पहले से प्रवीण, करें बातें गोल-मटोल
सेवक बनके आपके, करें रूपैया गोल
आँखों में वे आपके नहीं झोंकते धूल
इन्हें सुदृढ़ विश्वास है, आप हैं पक्के फ़ूल
आप हैं पक्के फ़ूल, तभी तो इनके सर पर ताज,
इन्हें ही आप कल पूजेंगे, जिन्हें दुत्कारते आज
सिएटल | 513-341-6798
6 दिसम्बर 2010
Monday, December 6, 2010
विकीलीक्स की लीक
Posted by Rahul Upadhyaya at 2:02 PM
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1 comments:
बेहतरीन रचना !
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