साल दर साल
मन में उठता है सवाल
शुभकामनाओं की मियाद
क्यूं होती है बस एक साल?
चलो इसी बहाने
पूछते तो हो
एक दूसरे का हाल
साल दर साल
जब जब आता नया साल
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मियाद = duration
दीवाली पर wish किया
birthday पर wish किया
जब भी कोई मौका आया
मैंने उन्हें wish किया
holidays की wish दी तो
हाथ उन्होने खींच लिया
क्रोधित हो उन्होने
मुझे आड़े हाथ लिया
"आप क्यूं बोलते हैं Hinglish?
जब भी आप करते हैं wish
तब ऐसा लगता है कि
आप दे रहे हैं विष"
मैंने कहा, बस please
और न बने language police
माना आपको संतोष नहीं
पर Hinglish का दोष नहीं
चाहे जैसे किया, पर wish किया
ये point तो आपने miss किया
शुद्ध हिंदी से क्या आस करे?
कौन इसका विश्वास करे?
विश्वास शब्द में भी
विष वास करे
जब आप देते हैं
मुझे शुभकामना
क्या आप चाहते हैं कि
मुझे मिले शुभ काम ना?
तर्क छोड़, एक जहां सुहाना सा बुन ले
और एक परस्पर प्यार का साबुन ले
जिससे ये संकीर्णता का विष wash करें
और कोई wish करे तो उसका विश्वास करें
सिएटल
12 दिसम्बर 2007
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विश = wish; हिंग्लिश = Hinglish; लेंगवेज = language
पॉईंट =point; मिस = miss; वाश = wash
पहले प्रतीक्षा रहती थी वर्ष के आरम्भ की
क्यूंकि तब डायरी बदली जाती थी
पहले प्रतीक्षा रहती थी वर्षा के आरम्भ की
जो सावन की बदली लाती थी
अब कम्प्यूटर के ज़माने में डायरी एक बोझ है
और बेमौसम बरसात होती रोज है
बदली नहीं बदली
ज़िंदगी है बदली
बारिश की बूंदे जो कभी थी घुंघरु की छनछन
आज दफ़्तर जाते वक्त कोसी जाती हैं क्षण क्षण
पानी से भरे गड्ढे जो लगते थे झिलमिलाते दर्पण
आज नज़र आते है बस उछालते कीचड़
जिन्होने सींचा था बचपन
वही आज लगते हैं अड़चन
रगड़ते वाईपर और फिसलते टायर
दोनो के बीच हुआ बचपन रिटायर
बदली नहीं बदली
ज़िंदगी है बदली
कभी राम तो कभी मनोहारी श्याम
कभी पुष्प तो कभी बर्फ़ीले पहलगाम
तरह तरह के कैलेंडर्स से तब सजती थी दीवारें
अब तो गायब ही हो गए ग्रीटिंग कार्ड भी सारे
या तो कुछ ज्यादा ही तेज हैं वक्त के धारें
या फिर टेक्नोलॉजी ने इमोशन्स कुछ ऐसे हैं मारे
कि दीवारों से फ़्रीज और फ़्रीज से स्क्रीन पर
सिमट कर रह गए हैं संदेश हमारे
जिनसे मिलती थी कभी अपनों की खुशबू
आज है बस वे रिसाइक्लिंग की वस्तु
बदली नहीं बदली
ज़िंदगी है बदली
पहले प्रतीक्षा रहती थी वर्ष के आरम्भ की ...
सिएटल । 425-445-0827
7 जनवरी 2010
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वाईपर = wiper; टायर = tire; रिटायर = retire;
ग्रीटिंग कार्ड = greeting card; टेक्नोलॉजी = technology;
इमोशन्स = emotions; फ़्रीज = fridge;
स्क्रीन = screen; रिसाइक्लिंग = recycling
कहने लगे अग्रज मुझसे
तुम तो पूरे अंग्रेज़ हो
अपनी ही संस्कृति से
करते परहेज़ हो
1 जनवरी को ही
मना लेते हो नया साल
जबकि चैत्र मास में
बदलता है अपना साल
तुम जैसे लोगो की वजह से ही
आज है देश का बुरा हाल
तुम में से एक भी नहीं
जो रख सके अपनी धरोहर को सम्हाल
मैंने कहा
आप मुझसे बड़े हैं
मुझसे कहीं ज्यादा
लिखे पढ़े हैं
लेकिन अपनी गलतियाँ
मुझ पे न थोपिए
अपने दोष
मुझ में न खोजिए
हिंदू कैलेंडर आपको तब-तब आता है याद
जब जब मनाना होता है कोई तीज-त्योहार
जब जब मनाना होता है कोई तीज-त्योहार
आप फ़टाक से ठोंक देते हैं चाँद को सलाम
लेकिन स्वतंत्रता दिवस
क्यूँ मनाते हैं 15 अगस्त को आप?
और गणतंत्र दिवस भी
क्यूँ मनाते हैं 26 जनवरी को आप?
जब आप 2 अक्टूबर को
मना सकते हैं राष्ट्रपिता का जन्म
तो 1 जनवरी को क्यूँ नहीं
मना सकते हैं नव-वर्ष हम?
पहले जाइए और खोजिए
इन सवालों के जवाब
फिर आइए और दीजिए
हमें भाषण जनाब
मेरी बात माने
तो एक काम करें
जिसको जब जो मनाना है
उसे मना ना करें
मना कर के
किसी का मन खट्टा ना करें
1 comments:
Rahulji, aapko saparivar-
Nav varsh ki mangalkaamnayen !!
Kaviton me takneek jhalakti hi. Ati uttam.
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