साल दर साल
मन में उठता है सवाल
शुभकामनाओं की मियाद
क्यूं होती है बस एक साल?
चलो इसी बहाने
पूछते तो हो
एक दूसरे का हाल
साल दर साल
जब जब आता नया साल
Tuesday, October 20, 2009
शुभकामनाओं की मियाद
Posted by Rahul Upadhyaya at 10:38 PM
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Labels: festivals
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4 comments:
अगर उम्र एक साल न होती तो सच में.. जाने कितने मित्र सालों बाद मिलते..
अच्छी रचना .. सालभर की मियाद .. ठीक ठाक है !!
इसी बहाने सही!!
कहाँ मियाद साल मे एक बार ही होती है? दिवाली की शुभकामनाए तो अभी तक आ रही है.
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