Monday, October 26, 2009

हाय! क्या चीज है एन-आर-आई भी

नाम भी, काम भी, कमाई भी
हाय! क्या चीज है एन-आर-आई भी

इसी को शायद कहते हैं ख़ुदा की नेमत
कि केक खाई भी और केक बचाई भी

बात-बात में ले आते हैं देश की बात
कभी करते हैं बड़ाई तो कभी बुराई भी

शाने-वतन में है कुछ इनका भी हाथ
कभी बढ़ाई तो कभी घटाई भी

कल तलक जो थे बाप-दादा के दुश्मन
आज उन्हीं के बन बैठे घर-जमाई भी

भूख बढ़ती है तो बढ़ती ही चली जाती है
जेब में है लाख मगर छूटती नहीं एक पाई भी

शौच का ढंग जो बदला तो बदली सोच भी साथ
हाय किस मिट्टी का बना है एन-आर-आई भी

कैसा भावुक है ये एन-आर-आई यारो
कभी देता है मुझे गाली तो कभी बधाई भी

सिएटल 425-898-9325
26 अक्टूबर 2009
(
फ़िराक गोरखपुरी से क्षमायाचना सहित)

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें
Anatomy of an NRI
new
Firaq Gorakhpuri


    3 comments:

    अजय कुमार said...

    NRI se khafa hai kya sir ji ?

    Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

    NRI दूसरों को नीची नज़र से न देखें तो कोई बात नहीं.

    Randhir Singh Suman said...

    कैसा भावुक है ये एन-आर-आई यारो
    कभी देता है मुझे गाली तो कभी बधाई भी.nice