Wednesday, October 7, 2009

जीत गया भई जीत गया

जीत गया भई जीत गया
इंडिया वाला जीत गया
गोरों की जमात में
बंदा अपना दिख गया

नाम ही अपने कुछ ऐसे हैं
कि दूर से पहचान लेते हैं
ये दक्षिण का है
ये अहिंदी है
बिन बोले ताड़ लेते हैं

एक बार फिर वही जीता है
जो अंग्रेज़ी बोलना सीख गया

सीख गया भई सीख गया
इंडिया वाला सीख गया
आत्मसम्मान खो के वो
सम्मान पाना सीख गया

भाषा से विचार बनें
और विचार से आचार
जो माँ की बोली बोल न पाए
वो माँ से करेगा क्या प्यार

सोने चाँदी के टुकड़ों पे
माँ का दूध फिर आज बिक गया

बिक गया भई बिक गया
इंडिया वाला बिक गया
गरीबी और बेरोज़गारी में
माँ से माँ का लाल छीन गया

ज्ञान-विज्ञान की भाषा में
कहीं दिल की बात भी होती है?
लाख चांदनी रात में हो
रात तो रात ही होती है

वो जब समझेगा तब समझेगा
आज तो बंदा हिट गया

हिट गया भई हिट गया
इंडिया वाला हिट गया
दूर-दराज की रोशनी पे
नूर अपना मर-मिट गया

सिएटल 425-898-9325
7 अक्टूबर 2009

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें
new
Anatomy of an NRI
news


2 comments:

Udan Tashtari said...

चलिये, जीत गया..अच्छा हुआ. :)

RAJESHWAR VASHISTHA said...

बहुत ईमानदार सरल-सी अभिव्यक्ति है......अपने देश से दूर रहते हुए ऐसा होता है....