Friday, May 27, 2011

मतवाले मत वाले

जो मत वाले है वे मतवाले हैं
जिनकी अकल पे पड़े ताले हैं
तभी तो जो राजा बनता है
रानी का होता चमचा है

हम बुद्धिजीवी भी कुछ खास नहीं
लगती हरी कोई घास नहीं
जब भी कोई राजा बनता है
उसमें है खोट हमें लगता है

सब राम भरोसे,सब काम परोसे
सतकाम में न कोई फ़ंसता है
कोई करना भी 'गर चाहे कभी
तो सारा जहाँ उसपे हँसता है

क्या होगा उस देश का यारो
जिस देश का लाल उसे खुद ठगता है
सूँघ के सोने-चाँदी के टुकड़े
इस देश, उस देश भटकता है

आदर्श के नाम पे कोई है ही नहीं
सिर्फ़ आदर्श घोटाला दिखता है
हैं भारत पे हम भार सभी
नित स्वार्थ में रत हर एक बंदा है

सिएटल । 513-341-6798
27 मई 2011

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4 comments:

aarkay said...

ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है.
प्रथम प्रयास ही उम्दा बन पड़ा है.
बधाई !

aarkay said...

ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है.
प्रथम प्रयास ही उम्दा बन पड़ा है.
बधाई !

Alia said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

आदर्श के नाम पे कोई है ही नहीं
सिर्फ़ आदर्श घोटाला दिखता है
हैं भारत पे हम भार सभी
नित स्वार्थ में रत हर एक बंदा है

yatharth se judi rachna.. badhai..