नाम हिलेरी, न तनिक हिले री
नाम अगाथा, लिखे गाथा पे गाथा
इन सबको देख के घूमा है माथा
कब, कहाँ कोई क्या कर जाए?
नाम के विपरीत रास रच जाए
नागपुर में नाग बसते नहीं हैं
कानपुर में कान पकते नहीं हैं
पटना में लड़की पटती नहीं है
विदिशा में दिशा मिलती नहीं है
संतरों को खा के संत रोते नहीं है
मंजु के सर में मन जू नहीं है
बाईट की दुनिया बा-ईंट नहीं है
मौसीकी से मौसी का रिश्ता नहीं है
चार पाई में मिलती चारपाई नहीं है
सैलाना निवासी सैलानी नहीं है
रसगुल्लों से यारो रस गुल नहीं है
और गुलाब-जामुन जो है वो फल-फूल नहीं हैं
जब से पता चला नामों का सच ये
रहता हूँ शीला-सुशीला से बच के
जाता नहीं जहाँ होती हो पूजा
रुकता नहीं जहाँ दिखती है श्रद्धा
सत्यम का काम ठुकराता सविनय हूँ
नामों को ठोक-पीट के ही उठाता कदम हूँ
सिएटल
2 जून 2011
513-341-6798
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मौसीकी=music
सैलानी=tourist
Thursday, June 2, 2011
नामों का सच
Posted by Rahul Upadhyaya at 10:45 PM
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15 comments:
naam hi naam hai bki sab gumnaam hai.....
jai baba banaras...........
बढ़िया :)
अचानक पहुँच गया हूँ....नाम की महिमा काम के विपरीत है !
baat bas hai vahi puraani, naam vahi aur nayi kahaani. :)
अच्छी कविता लिखी है पढकर मजा आ गया
रसगुल्लों से यारो रस गुल नहीं है
और गुलाब-जामुन जो है वो फल-फूल नहीं हैं
bikaner k rasgulle achhe lagenge
http://shayaridays.blogspot.com
नामों के सहारे किए चिंतन ने एक नई बात कही है। शुरुआत बेहद हल्की बात से हुई, आम नाम के संधिविच्छेद से नजर आए लेकिन नीचे की कुछ बातें दिमागिया शोध को दर्शाती हैं। दोस्त बेहद खूब रही बात। कुछ-कुछ काका की कविताओं सी, 108 नाम महत्तम।
मेरा नमन कभी किसी के आगे झुकता नहीं। आवेग में वेग बसता नहीं। नामों के चक्कर में मैं भी परेशान हूँ।
bahut badhiya shod kiya aapne.. mere bhi blog me aaye.. www.pradip13m.blogspot.com
waah. behtreen sankalan
मेरा भी नाम ऐसा ही है--
नाम रख दिया सूबा(प्रांत)
नाम नहीं एक कूबा
ये है नामों का बडा अजूबा..सूबे सिंह सुजान
sujan_singh81@yahoo.com
or
subesujan21@gmail.com
muje khte hn
Sir, aapki kalpanasheelata ko salaam..
www.anilavtaar.blogspot.com
naamon ka sach padhkar to anand hi gaya
Bahut Sodh kiya hai Sir aapne... padh kar Maza aa gaya....
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