कभी पलकों पे आँसू हैं, कभी लब पे शिकायत है
मगर ऐ अमरीका फिर भी मुझे तुझ से मोहब्बत है
जो आता है, वो रोता है, ये दुनिया सूखी-साखी है
अगर है ऐश तो घर पे, जहाँ मनती दीवाली है
मगर इण्डिया नहीं जाना, अभी बनना सिटीज़न है
कभी पलकों पे आँसू हैं...
जो कमाता हूँ, वो खप जाए, बड़ी थोड़ी कमाई है
शेयर पे हाथ भी मारे, मगर पूँजी गवाई है
बने मिलियन्स थे ये सपने, मगर अब कर्ज़ किस्मत है
कभी पलकों पे आँसू हैं...
गराज में कार है, लेकिन मैं दफ़्तर जाऊँ बस लेकर
स्कूल के बच्चे की माफ़िक़, लदे बस्ता मेरी पीठ पर
फ़र्क बस इतना कि माँ नहीं, बीवी बाँधती टिफ़िन है
कभी पलकों पे आँसू हैं...
(निदा फ़ाज़ली से क्षमायाचना सहित)
======
इण्डिया = India = भारत
सिटीज़न = citizen
मिलियन्स = millions
गराज = garage
बस = bus
बस्ता = backpack
टिफ़िन = tiffin/lunch
मगर ऐ अमरीका फिर भी मुझे तुझ से मोहब्बत है
जो आता है, वो रोता है, ये दुनिया सूखी-साखी है
अगर है ऐश तो घर पे, जहाँ मनती दीवाली है
मगर इण्डिया नहीं जाना, अभी बनना सिटीज़न है
कभी पलकों पे आँसू हैं...
जो कमाता हूँ, वो खप जाए, बड़ी थोड़ी कमाई है
शेयर पे हाथ भी मारे, मगर पूँजी गवाई है
बने मिलियन्स थे ये सपने, मगर अब कर्ज़ किस्मत है
कभी पलकों पे आँसू हैं...
गराज में कार है, लेकिन मैं दफ़्तर जाऊँ बस लेकर
स्कूल के बच्चे की माफ़िक़, लदे बस्ता मेरी पीठ पर
फ़र्क बस इतना कि माँ नहीं, बीवी बाँधती टिफ़िन है
कभी पलकों पे आँसू हैं...
(निदा फ़ाज़ली से क्षमायाचना सहित)
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इण्डिया = India = भारत
सिटीज़न = citizen
मिलियन्स = millions
गराज = garage
बस = bus
बस्ता = backpack
टिफ़िन = tiffin/lunch
7 comments:
nice........ is all lines are abt America?
@Rahul: जी हाँ, सारी कविता अमरीका के बारे में ही है. जो भोगा है, वही परोसा है.
yah to thik hai ki ham jo bhogenge vo hi parosenge, lekin yakeen keejiye, aag aur dhuan bhog kar roti parosne wale bhi isi dharti par hote hain.
बेहद खुबसूरत लिखा है , अच्छी लगी .
bahoot khub ,bahoot acha likha hai aap ne.
janab hausala rakhiye.Matribhumi se nata todne men kuchh to papad belne hi padenge.
jindagi ki udhedboon me aajkal koi dhyan hi nahi deta lekin jindagi udhedboon se hi chale to kya jindagi hai
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