Sunday, June 17, 2012

मुझे सफ़ाई पसंद है

मुझे इस्तेमाल कर के फ़ेंक देना अच्छा लगता है
कितना साफ़-सुथरा सा हो जाता है घर
मैं औरों की तरह नहीं हूँ
कि घर में कबाड़ इकट्ठा किए जा रहे हैं
जैसे कि दूध खतम हो गया
तो बोतल में दाल भर ली
बिस्किट खतम हो गए
तो डब्बे में नमकीन भर लिया
अखबार पुराना हो गया
तो उससे किताब पर कवर चढ़ा लिया
या अलमारी में बिछा दिया

इतना भी क्या मोह?
कब तक पुरानी यादों को ढोता रहे कोई?

मुझे इस्तेमाल कर के फ़ेंक देना अच्छा लगता है
कितना साफ़-सुथरा सा हो जाता है घर
फ़ेंकता भी हूँ तो बड़े एहतियात के साथ
पर्यावरण की चिंता जो है
यहाँ कागज़
यहाँ काँच
यहाँ प्लास्टिक
और यहाँ माता-पिता
एक वक्त ये भी बहुत काम के थे
माँ दूध पिलाती थी
लोरी सुनाती थी
पिता गोद में खिलाते थे
कंधों पे बिठाते थे
और अब
माँ दिन भर छींकती है, कराहती है
पिता रात भर खांसते हैं, बड़बड़ाते हैं

मुझे इस्तेमाल कर के फ़ेंक देना अच्छा लगता है
कितना साफ़-सुथरा सा हो जाता है घर

Saturday, June 16, 2012

कलंक


इम्तहान में जिन्हें मिले ज्यादा कल अंक थे
कौन जानता था कि वे मेरे माथे के कलंक थे

जिनके आगे-पीछे हम घूमते भटकते थे
'राजा बेटा, राजा बेटा' कहते नहीं थकते थे
आज वे कहते हैं कि 'माँ-बाप मेरे रंक थे'
कौन जानता था …

ये ठोकते हैं सलाम रोज किसी करोड़पति 'बिल' को
पर कभी भी चुका न सके मेरे डाक्टरों के बिल को
सफ़ाई में कहते हैं कि 'हाथ मेरे तंग थे'
कौन जानता था …

ऊँचा है ओहदा और अच्छा खासा कमाते हैं
खुशहाल नज़र मगर बहुत कम आते हैं
किस कदर ये हँसते थे जब घूमते नंग-धड़ंग थे
कौन जानता था …

चार कमरे का घर है और तीस साल का कर्ज़
जिसकी गुलामी में बलि चढ़ा दिए अपने सारे फ़र्ज़
गुज़र ग़ई कई दीवाली पर कभी न वो मेरे संग थे
कौन जानता था …

देख रहा हूँ रवैया इनका गिन गिन कर महीनों से
कोई उम्मीद नहीं बची है अब इन करमहीनों से
जब ये घर से निकले थे तब ही सपने हुए भंग थे
कौन जानता था …

जो देखते हैं बच्चे वही सीखते हैं बच्चे
मैं होता अगर अच्छा तो ये भी होते अच्छे
बुढ़ापे की लाठी में शायद बोए मैंने ही डंक थे
कौन जानता था …

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Glossary
कलंक = blemish
माथे = forehead
रंक = poor
तंग = tight, as in "budget is tight"
ओहदा = title, position
किस कदर = to what extent
संग = together
रवैया = behavior
करमहीन = good for nothing
भंग = broken
डंक = fangs

Saturday, June 2, 2012

ये मेरा "रेट"-भक्त रक्त है



भारतीय कहूँ?
कि अमरीकन कहूँ?
कनाडियन कहूँ?
कि जर्मन कहूँ?
हैरां हूँ अपने आप को किस गुट से जुड़ा कहूँ?

ये मेरा "रेट"-भक्त रक्त है
इसे कम दाम ना देना
वरना ये वहाँ जा बसेगा
जहाँ पे ऊँचा दाम मिलेगा

इसे हिंदू मैं कहता था
मगर "मैक-डी" में खाता है
है अधर्मी मैं सोचूँ
मगर मंदिर भी जाता है
जहाँ तक हो सके इसको
हमेशा खाते देखा, खाते देखा, खाते देखा है

ये मेरा भूख-ग्रस्त रक्त है
इसे भूखा नहीं रखना
वरना ये "रूल्स" तोड़ देगा
कहीं भी जा के खा लेगा

ये है हिंदी-भाषी मैं सोचूँ
मगर बकता अंग्रेज़ी है
कहूँ अंग्रेज़ है लेकिन
सीखाए बच्चों को हिंदी
जहाँ तक हो सके इसको
"कन्फ़्यूज़्ड" होते देखा, होते देखा, होते देखा है

ये मेरा भ्रम-युक्त रक्त है
इसे भ्रमित नहीं कहना
वरना "जी-पी-एस" साथ लेगा
और "यू-टर्न" सात लेगा

ये है धनवान मैं सोचूँ
मगर रहता उधारी है
कमाया खूब है पैसा
मगर खेलता जुआ भी है
जहाँ तक हो सके इसको
हमेशा "स्टॉक्स" लेते देखा, लेते देखा, लेते देखा है

ये मेरा लोभ-ग्रस्त रक्त है
इसे स्टॉक्स हैं लेने
चाहे वो ग्रुपॉन ही क्यूँ न हो
चाहे वो फ़ेसबूक ही क्यूँ न हो

(शैलेन्द्र से क्षमायाचना सहित)
सिएटल । 513-341-6798
2 जून 2012
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रेट = rate, Hourly wages, वेतन
मैक-डी = McDonald's restaurant
रूल्स = rules, नियम
कन्फ़्यूज़्ड = confused, भ्रमित
जी-पी-एस = GPS
यू-टर्न = U-turn
स्टॉक्स = stocks, shares
ग्रुपॉन = Groupon
फ़ेसबूक = facebook