Sunday, August 4, 2019

यार नहीं होते तो



नैया है सबकीसब हैं खिवैया
ज़िम्मेदारी सबकीसब हैं मुखिया
यार नहीं होते तो पतवार नहीं होती
पतवार नहीं होती तो मँझधार ले डूबोते

श्रम से भरा है जीवनजीवन इक बगिया 
काट-छाँट खाद डालोमहके तब बगिया
यार नहीं होते तो इतवार नहीं होते
इतवार नहीं होते तो थक-हार गए होते

यार की है यारी न्यारीइसका  जोड़ कोई
संग-संग सदा चले जाए मोड़ कोई
यार नहीं होते तो संवाद नहीं होते
संवाद नहीं होते तो बेज़ार हो के रोते 

यार नहीं होते तो ...

राहुल उपाध्याय  4 अगस्त 2019  सिएटल

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