हम पास थे
अब दूर हैं
सपने सारे चूर हैं
वह बिछ गई
मैं टूट गया
वफ़ा से नाता छूट गया
वह रंग मले गुलाल के
बीज भरे मलाल के
वह कौन था, वह कौन था
जो प्यास उसकी बुझा गया
प्यार की उमंग को
मुझमें वो जगा गया
वह तो उसको छोड़ गया
मेरे साथ रह गया
राहुल उपाध्याय । 14 मार्च 2025 । सिएटल
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